नैतिक तानाबाना बहुत हद तक विखंडित हुआ: अदालत ने महामारी के दौरान कालाबाजारी, जमाखोरी पर कहा

By भाषा | Published: May 6, 2021 02:50 PM2021-05-06T14:50:18+5:302021-05-06T14:50:18+5:30

Moral dictation fragmented to a great extent: court says black marketing, hoarding during epidemic | नैतिक तानाबाना बहुत हद तक विखंडित हुआ: अदालत ने महामारी के दौरान कालाबाजारी, जमाखोरी पर कहा

नैतिक तानाबाना बहुत हद तक विखंडित हुआ: अदालत ने महामारी के दौरान कालाबाजारी, जमाखोरी पर कहा

नयी दिल्ली, छह मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोगों का नैतिक तानाबाना बहुत हद तक ‘‘विखंडित’’ हो गया है, क्योंकि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एकसाथ आने की बजाय वे ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं और सांद्रकों की जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त हैं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, ‘‘हम अभी भी स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं, इसीलिए हम एकसाथ नहीं आ रहे हैं। इसी कारण हम जमाखोरी और कालाबाजारी के मामले देख रहे हैं। हमारा नैतिक तानाबाना काफी हद तक विखंडित हो गया है।’’

अदालत की यह टिप्पणी एक वकील के इस सुझाव के जवाब में आयी कि सेवानिवृत्त चिकित्सा पेशेवरों, मेडिकल छात्रों या नर्सिंग छात्रों की सेवायें मौजूदा स्थिति में सहायता प्रदान करने के लिए ली जा सकती है क्योंकि इस समय केवल दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और बिस्तरों की ही नहीं बल्कि कर्मियों की भी कमी है।

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Web Title: Moral dictation fragmented to a great extent: court says black marketing, hoarding during epidemic

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