मोपला विद्रोह ‘तालिबानी मानसिकता की झलक’ था: भाजपा नेता राम माधव

By भाषा | Published: August 19, 2021 05:49 PM2021-08-19T17:49:02+5:302021-08-19T17:49:02+5:30

Moplah rebellion was 'a glimpse of Taliban mentality': BJP leader Ram Madhav | मोपला विद्रोह ‘तालिबानी मानसिकता की झलक’ था: भाजपा नेता राम माधव

मोपला विद्रोह ‘तालिबानी मानसिकता की झलक’ था: भाजपा नेता राम माधव

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक राम माधव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि 1921 का मोपला विद्रोह भारत में तालिबान मानसिकता की पहली झलक था। उन्होंने केरल की वाम सरकार पर इसे वामपंथी क्रांति बताते हुए इसका जश्न मनाकर सही ठहराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इसे मप्पिला दंगा भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व ‘सही इतिहास’ से अवगत है और इसलिए वह इस तरह के तालिबानी या अलगाववादी ताकतों को देश में हिंसा करने या लोगों को विभाजित करने के लिए जगह नहीं देगा, चाहे वह कश्मीर हो या केरल। आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य माधव, केरल में 1921 के विद्रोह के दौरान हिंसा का शिकार हुए पीड़ितों की याद में कोझिकोड में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया में सभी लोगों का ध्यान अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने पर है। मीडिया लोगों को तालिबान द्वारा पहले भी और अब भी किए जा रहे अत्याचारों के बारे में बता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के लिए यह ‘कोई नई कहानी नहीं’ है क्योंकि इस तालिबानी मानसिकता का जन्म खास कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा से हुआ है, जिसकी पहली झलक मोपला विद्रोह के रूप में यहां देख चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने दावा किया कि जैसा कि उस समय की गई क्रूरता और हिंसा के बारे में सबको जानकारी नहीं है और वाम सरकार जो कुछ हुआ, उसे सही बताने के लिए इसे अंग्रेजों और सामंती ताक़तों के ख़िलाफ़ वामपंथी क्रांति बता रही है और इस विद्रोह में शामिल नेताओं को ‘हीरो’ बताने वाली फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देकर इसका उत्सव मना रही है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ केरल में वाम शासन है। ये मोपला विद्रोह को अंग्रेज या सामंती या ज़मींदारों के ख़िलाफ़ हुआ आंदोलन बताने की कोशिश कर रहे हैं। यह बिल्कुल अलग रूप में उसका जश्न मनाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि इन विद्रोही नेताओं की ‘शूरवीरता’ के ऊपर फिल्म बने। वामपंथी उदारवादी मोपला विद्रोह को सही ठहराना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया भर में वाम तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए कुख्यात है और यह उनके जीन में है।'' राज्य में वामपंथी इतिहासकार यह तर्क देते हैं कि मालाबार विद्रोह को हिंदू सामंती ज़मींदारों के खिलाफ किसानों के संघर्ष के रूप में देखना चाहिए। लेकिन केरल के समाज में अब भी इस विद्रोह की प्रकृति पर बहस जारी है कि क्या यह एक उपनिवेश विरोध आंदोलन था जिसने सांप्रदायिक रंग ले लिया या सिर्फ़ कुछ धार्मिक कट्टरपंथियों की वजह से ऐसा हुआ। माधव ने आगे कहा कि 1947 में भारत के विभाजन के लिए उस समय बनी ‘तालिबानी’ मानसिकता ज़िम्मेदार थी। उन्होंने कहा कि इस मानसिकता की झलक बंगाल में 1946 में बंगाल में और बाद में कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ किए गए अत्याचारों में भी देखी गई। उन्होंने कहा, ‘‘ तालिबानवाद देश में एक प्रवृत्ति बन गया है और इसे सही ठहराने की कोशिश होती है। हालांकि, अगर आप इतिहास भूल जाते हैं तो आप इतिहास को अपने सामने दोहराता हुआ पाने के लिए अभिशप्त हैं। इसे याद करने से यह तय होता है कि आप इसे दोहराने की गलती नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘तालिबानवाद’ एक कट्टर इस्लामी विचारधारा है और यह मुसलमानों समेत सभी धर्म को क्षति पहुंचाएगा। जब कभी तालिबानी मानसिकता हावी होती है, यह किसी धर्म को नहीं छोड़ती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Moplah rebellion was 'a glimpse of Taliban mentality': BJP leader Ram Madhav

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे