मानसून सत्र: OBC आयोग बिल राज्यसभा में भी हुआ पारित, मिलेगा संवैधानिक दर्जा

By भाषा | Updated: August 6, 2018 19:23 IST2018-08-06T19:23:32+5:302018-08-06T19:23:32+5:30

मानसून सत्र: OBC आयोग बिल पहले ही लोकसभा में सभी 156 सदस्यों के मतों से पारित हो चुका है।

Monsoon Session: OBC Commission Bill passed Parliament, get constitutional status | मानसून सत्र: OBC आयोग बिल राज्यसभा में भी हुआ पारित, मिलेगा संवैधानिक दर्जा

मानसून सत्र: OBC आयोग बिल राज्यसभा में भी हुआ पारित, मिलेगा संवैधानिक दर्जा

नई दिल्ली, 6 अगस्त: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को सोमवार को संसद की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा ने सोमवार को इससे संबंधित ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक को 156 के मुकाबले शून्य मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। संविधान संशोधन होने के नाते विधेयक पर मत विभाजन किया गया जिसमें सभी 156 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया।

विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्यों के अधिकारों के हनन होने के संबंध में कुछ सदस्यों ने जो आशंका व्यक्त की है, वह निर्मूल है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की केंद्रीय और राज्य सूची एक समान होती है। लेकिन ओबीसी के मामले में यह अलग अलग है।

उन्होंने कहा कि राज्य अपने लिए ओबीसी जातियों का निर्णय करने के बारे में स्वतंत्र हैं। इस विधेयक के कानून बनने के बाद यदि राज्य किसी जाति को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करना चाहते हैं तो वे सीधे केंद्र या आयोग को भेज सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं आश्वस्त करता हूं कि आयोग की सिफारिशें राज्य के लिए बाध्यकारी नहीं होंगी।' गहलोत ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले ही भाषण की प्रथम पंक्ति में कहा था कि उनकी सरकार पिछड़ों और गरीबों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी प्रतिबद्धता के चलते मोदी सरकार ने पिछड़ों और गरीबों के कल्याण के लिए तमाम कदम उठाये हैं। इनमें घुमंतु आयोग का गठन शामिल हैं जो देश की घुमंतु जातियों से संबंधित है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी सरकार आरक्षण के लिए न केवल प्रतिबद्ध थी, बल्कि है और रहेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबद्धता को प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्वयं वह कई बार व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर वाला प्रावधान वर्तमान सरकार ने नहीं बल्कि पूर्ववर्ती सरकार ने बनाया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने उप वर्गीकरण के संबंध में एक आयोग बनाया है। उस आयोग की रिपोर्ट आने पर सरकार सकारात्मक कदम उठायेगी।

गहलोत ने स्पष्ट किया कि ओबीसी आयोग में महिला को सदस्य बनाये जाने का प्रावधान इस विधेयक के नियमों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मौजूदा विधेयक में उसी प्रक्रिया और प्रावधानों को अपनाया है जो अनुसूचित जाति आयोग तथा अनुसूचित जनजाति आयोग के लिए अपनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से समुदाय के लोगों की विभिन्न जरूरतें पूरी होंगी और कई ऐसी समस्याओं का भी समाधान हो पाएगा जिनका हल अभी तक नहीं हो सका है।

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Web Title: Monsoon Session: OBC Commission Bill passed Parliament, get constitutional status

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