ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग की वजह से भारत में देर से लौट रहा मॉनसून: विशेषज्ञ
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 12, 2019 08:34 AM2019-11-12T08:34:57+5:302019-11-12T08:34:57+5:30
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी विनाशकारी आग के पीछे कुछ हद तक भारत से मानसून का देर से लौटना भी जिम्मेदार है. जंगलों की आग की प्रकृति का अध्ययन करने वाले एक विशेषज्ञ ने यह बात कही है. मेलबोर्न विश्वविद्यालय से जुड़े और ईंधन, मौसम एवं भौगोलिक स्थितियों के वास्तविक चित्रणों का प्रयोग कर जंगलों की आग की संरचना एवं प्रकृति का अध्ययन करने वाले ट्रेंट पेनहम ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में लगी इस आग को भारत में मानसून सीजन देर से खत्म होने से जोड़कर देखने पर कुछ हद तक समझा जा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया का न्यू साउथ वेल्स राज्य इस साल की सबसे भयंकर आग से जूझ रहा है. इस आग में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों विस्थापित हो गए और 150 से अधिक घर बर्बाद हो गए. पेनहम ने कहा, वैश्विक तंत्र सब आपस में जुड़े हुए हैं. हम उन्हें अलग कर नहीं देख सकते. लेकिन अगर आप किसी एक इलाके में हैं तो आपके लिए यह सोचना मुश्किल होगा कि 10,000 किलोमीटर दूर जो मौसम है वह असल में यहां भी असर डाल रहा होगा. उन्होंने कहा कि भारत में रिकॉर्ड बारिश पिछले महीने के मध्य तक भी नहीं थमी थी.
पेनहम ने कहा, ''भारत में पिछले महीने के मध्य तक रिकॉर्ड तोड़ बारिश नहीं थमी थी जबकि एशिया में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून हर साल जून से सितंबर के बीच खत्म हो जाता है और वे हवाएं फिर क्षेत्र से दक्षिण की तरफ बढ़ती हैं.'' साथ ही उन्होंने कहा कि इस स्थिति की वजह से डार्विन ऑस्ट्रेलियाई शहर में अच्छी बारिश नहीं हुई और इसलिए पूर्वी तट शुष्क पड़ गया और आग की चपेट में आने का जोखिम बढ़ गया.
पेनहम ने कहा, इस वक्त इन क्षेत्रों में सामान्य तौर पर जो बारिश होती है वह दरअसल वैश्विक घटना के चलते नहीं हुई, और इस वजह से ये क्षेत्र गर्म, शुष्क एवं तेज हवाओं के असर में रहे. भीषण आग के लिए यह सारी स्थितियां अनुकूल होती हैं जो कि इस वक्त हम देख भी रहे हैं.