क्या है मोनोमौसुमी?, युवा लेखकों के लिए बना सशक्त मंच!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 24, 2025 17:52 IST2025-03-24T17:49:55+5:302025-03-24T17:52:33+5:30
मोनोमौसुमी तीन भाषाओं – हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली में लेखन की सुविधा देता है, जिससे वे अपनी मातृभाषा में भी अपने विचारों को साझा कर सकते हैं।

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आज के डिजिटल युग में लेखन केवल शौक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सशक्त करियर विकल्प भी बन चुका है। लेकिन सही मंच और मार्गदर्शन के अभाव में कई प्रतिभाशाली युवा अपनी लेखन क्षमता को निखार नहीं पाते। ऐसे में ‘मोनोमौसुमी’ एक ऐसा मंच बनकर उभरा है, जो न केवल युवा लेखकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें एक मजबूत पहचान भी प्रदान करता है। वर्ष 2018 में स्थापित यह शैक्षिक प्लेटफॉर्म लेखन और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।
मोनोमौसुमी (Monomousumi) ने तकनीक और रचनात्मकता के मेल से लेखन की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने का कार्य किया है। यह मंच लेखकों को मासिक और त्रैमासिक लेखन प्रतियोगिताओं, फ्रीलांस लेखन नौकरियों और प्रकाशन के सुनहरे अवसरों से जोड़ता है।
युवाओं को अपनी रचनात्मकता को आकार देने के लिए मोनोमौसुमी तीन भाषाओं – हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली में लेखन की सुविधा देता है, जिससे वे अपनी मातृभाषा में भी अपने विचारों को साझा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इस मंच के माध्यम से लेखक अपनी कहानियों, निबंधों और लेखों को पुस्तक, ई-बुक और डिजिटल मैगजीन के रूप में प्रकाशित करा सकते हैं।
जिसका संपूर्ण कॉपीराइट उनके पास सुरक्षित रहता है। अपने गुणवत्ता और नवाचार के कारण मोनोमौसुमी को 2020 में ‘एक्विजिशन इंटरनेशनल’ द्वारा ‘बेस्ट एजुकेशन और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म – इंडिया’ का सम्मान प्राप्त हुआ। इस मंच ने हजारों युवाओं के शब्दों को उड़ान दी है और उन्हें साहित्यिक जगत में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।
अगर आप भी अपने विचारों को शब्दों में ढालकर दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं, तो मोनोमौसुमी आपके लिए सर्वश्रेष्ठ मंच है। अब समय आ गया है कि आप भी अपनी लेखनी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं और अपनी पहचान बनाएं!