बिहार में NDA सरकार को गिराने के लिए हुआ पैसे का खेल, ईओयू जांच में हुआ खुलासा, अब ईडी करेगी मामले की छानबीन
By एस पी सिन्हा | Updated: October 7, 2024 19:01 IST2024-10-07T19:01:16+5:302024-10-07T19:01:23+5:30
जांच के दौरान पता चला है कि बिहार में एनडीए सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान विधायकों को खरीदने के लिए कई तरह के ऑफर दिए गए थे। इसके बाद अब इस मामले की जांच की जिम्मेवारी ईडी को सौंप दी गई है। अब ईडी इस मामले की जांच करेगी।

बिहार में NDA सरकार को गिराने के लिए हुआ पैसे का खेल, ईओयू जांच में हुआ खुलासा, अब ईडी करेगी मामले की छानबीन
पटना: बिहार के आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को ऐसे ठोस साक्ष्य मिले हैं कि बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार की सरकार को गिराने के लिए बड़े पैमाने पर पैसे का खेल हुआ था। मामले की जांच कर रही ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इसको लेकर बड़ा दावा किया है। ईओयू को हॉर्स ट्रेडिंग इस केस में अवैध धन के इस्तेमाल के साक्ष्य मिले हैं। जांच के दौरान पता चला है कि बिहार में एनडीए सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान विधायकों को खरीदने के लिए कई तरह के ऑफर दिए गए थे। इसके बाद अब इस मामले की जांच की जिम्मेवारी ईडी को सौंप दी गई है। अब ईडी इस मामले की जांच करेगी।
ईओयू के डीआईजी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह यह स्वीकार करते हुए नजर आ रहे हैं कि बिहार में नीतीश सरकार को गिराने के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। जिसमें पैसे का खेल हुआ था और इसको लेकर कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद इस मामले की जांच ईओयू ने संभाल ली थी। अब मामले में जांच के दौरान ईओयू के कई लोगों से पूछताछ के बाद पैसे के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं।
डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि ईओयू ने अपनी जांच रिपोर्ट अब ईडी को सबमिट कर दी है। अब ईडी ही इस मामले में पैसे के लेन देन की पूरी जांच करेगी। उन्होंने बताया कि हॉर्स ट्रेडिंग के इस केस में अब तक की जांच के दौरान ईओयू को यह भी पता चला है कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार विश्वास मत में हार जाती तो विधायकों को दूसरे राज्यों में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईओयू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, नेपाल में बैठे लोगों के माध्यम से सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों को खरीद फरोख्त करने की कोशिश गई थी। ईओयू को जांच में कुछ विधायकों द्वारा एडवांस के रूप में कुछ पैसे लेने के सबूत मिले हैं।
बता दें कि जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने 11 फरवरी को पटना के कोतवाली थाना में विपक्ष के कुछ विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि विपक्ष के लोगों ने मेरे साथ-साथ कई अन्य विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी। उस समय मंत्री पद के साथ-साथ मोटी रकम और कई डिमांड पूरी करने का वादा किया था, लेकिन मैं उनके झांसे में नहीं आया।
सुधांशु शेखर के मुताबिक, उनके साथ-साथ जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार के साथ अन्य कुछ विधायकों को अगवा करके और 10 करोड़ का प्रलोभन देने का प्रयास किया गया था। शिकायत में उन्होंने लिखा था कि विधायक बीमा भारती और दिलीप राय का अपहरण किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल फरवरी मे नीतीश कुमार की जदयू ने राजद के समर्थन वाली महागठबंधन सरकार से रिश्ता तोड़कर भाजपा समर्थित एनडीए के साथ सरकार बना ली थी। जिसमें 12 फरवरी को विधानसभा में नीतीश कुमार ने विश्वास मत हासिल किया था।