मोकामा-गोपालगंज विधानसभा उपचुनावः शाह और चिराग के बीच बैठक, छठ के बाद पीएम मोदी से मिलेंगे सांसद, ऐसे हुआ समझौता और बीजेपी को समर्थन
By एस पी सिन्हा | Updated: October 30, 2022 15:10 IST2022-10-30T15:09:08+5:302022-10-30T15:10:20+5:30
Mokama and Gopalganj assembly by-elections 2022: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।

मोकामा में भाजपा पहली बार दंगल में उतरी है।
पटनाः बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर भाजपा और महागठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। दो सीटों में एक गोपालगंज भाजपा की सीटिंग सीट है, जबकि मोकामा में राजद के पास रही है। मोकामा में भाजपा पहली बार दंगल में उतरी है।
उपचुनाव में दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी की जीत हो, इसके लिए भाजपा के नेता जीन-जान से लगे हैं। अब उपचुनाव में लोजपा(रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने का ऐलान कर दिया है। चिराग दिल्ली से पटना पहुंचे और यह ऐलान किया कि अंतिम बचे 2 दिनों में उनकी पार्टी मोकामा और गोपालगंज में पूरी ताकत से भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेगी।
बता दें कि चिराग पासवान वर्तमान में न तो भाजपा के साथ थे और न महागठबंधन के साथ। लेकिन पासवान जाति के वोटरों में चिराग पासवान की मजबत पकड़ है। ऐसे में चिराग पासवान को पाले में लाने के लिए और दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार कराने को लेकर भाजपा नेतृत्व को काफी पसीना बहाना पड़ा।
पटना पहुंचने पर चिराग पासवान ने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी महत्वपूर्ण बैठक हुई है। बीती रात हुई बैठक में सब कुछ फाइनल हो गया है। हालांकि चिराग ने अभी अपने पूरे पत्ते खुले तौर पर तो नहीं खोले, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि हर मसले पर अमित शाह से बात हुई है और छठ के बाद अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से दोबारा मुलाकात होगी।
इस दौरान कई मसलों पर बातचीत होगी और उसके बाद आगे कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यह जरूर कहा कि मौजूदा उपचुनाव में भाजपा की जीत तय करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा से इस बात को कहा है कि बिहार और बिहारियों को बर्बाद करने में सबसे बड़ा योगदान किसी का रहा है तो वह हमारे आज के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रहा है।
मैंने हमेशा से उनकी नीतियों का विरोध किया है। मैं नहीं मानता कि उनके पास कोई ऐसी नीति है जो हमारे प्रदेश को विकसित राज्य बना दें। हमने मुख्यमंत्री की नीतियों का हमेशा से विरोध किया है। 2020 का चुनाव मैंने उनके विरोध में लड़ा। 31 अक्टूबर को मोकामा एवं एक नवंबर को गोपालगंज में चुनाव प्रचार में भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो महीने पहले राजग से बाहर निकलने के बाद कमजोर हुई भाजपा और प्रदेश में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल सबसे बडी पार्टी राजद के लिए तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव को पहले शक्ति-परीक्षण के तौर पर देखा जा रहा है।