Modi surname remark: सुप्रीम कोर्ट नेराहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज करने के गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता की अपील पर गुजरात सरकार और भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
दरअसल होईकोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा बरकरार रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि निलंबित किए जाने योग्य है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई के लिए 4 अगस्त की तारीख तय की।
राहुल गांधी गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर शीर्ष अदालत सुनवाई को तैयार हो गया था। न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने कहा था कि मामले पर शुक्रवार सुनवाई कर सकती है। गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।
गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’’ का दम घुट जाएगा। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’’
गौरतलब है कि मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। मामले में फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।