पुडुचेरी, 25 फरवरी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दी और कहा कि इस केंद्र शासित क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण तथा तटीय संपर्क कनेक्टिविटी में सुधार के अनेक प्रयास किए हैं और कृषि क्षेत्र इसका लाभ उठाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का यह दायित्व है कि वह किसानों के उत्पाद समय से अच्छे बाजार में पहुंचाना सुनिश्चित करे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अच्छी सड़कें मदद देंगी।’’
उन्होंने कहा कि चार लेन की सड़क इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि को तेज बनाएगी और स्थानीय युवा के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान सागरमाला योजना के तहत बंदरगाह विकास योजना का शिलान्यास किया तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ए को चार लेन में परिवर्तित किए जाने और कराईकल जिले में मेडिकल कॉलेज भवन के नए परिसर के निर्माण की आधारशिला रखी।
राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ए के तहत विल्लुपुरम से नागपट्टिनम परियोजना का 56 किमी लंबा सतनाथपुरम-नागापट्टिनम मार्ग आएगा। इस परियोजना पर लगभग 2426 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
पुडुचेरी में माइनर पोर्ट पर 44 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
इन परियोजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री ने यहां स्थित इंदिरा गांधी खेल परिसर में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का शिलान्यास किया। मौजूदा 400 मीटर की सिंडर ट्रैक सतह पुरानी और चलन से बाहर हो गई है। इस परियोजना पर 7 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
प्रधानमंत्री ने यहां के जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) में रक्त केंद्र का उद्घाटन किया। इसे 28 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।
उन्होंने यहां के लॉस्पेट इलाके में 100 बिस्तर वाले कन्या छात्रावास का भी उद्घाटन किया। भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के तत्वावधान में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से इसे महिला खिलाड़ियों के लिए बनाया गया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्मित हेरिटेज मैरी बिल्डिंग का भी उद्घाटन किया। मैरी बिल्डिंग को फ्रांसिसियों ने बनाया था और अब इसे लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से उसी वास्तुकला के साथ पुनर्निर्मित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले सात वर्षों में स्वास्थ्य और फिटनेस के क्षेत्र में सुधार के अनेक प्रयास किए हैं क्योंकि आर्थिक समृद्धि का अच्छे स्वास्थ्य के साथ संबंध है।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवा के लिए हमें गुणवत्ता संपन्न पेशेवर लोगों की जरूरत है। कराईकल न्यू कैंपस में मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग की प्रथम चरण परियोजना पर्यावरण अनुकूल परिसर प्रदान करेगी और एमबीबीएस के विद्यार्थियों के पढ़ाने के लिए आवश्यक सभी आधुनिक शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।”
उन्होंने कहा कि पुडुचेरी में अच्छी खेल सुविधाओं के आने से इस राज्य के युवा राष्ट्रीय तथा वैश्विक खेल स्पर्धाओं में शामिल होकर अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि लॉजपेट में लड़कियों के लिए 100 बिस्तर के छात्रावास में हॉकी, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कबड्डी, तथा हैंडबॉल खिलाड़ी रहेंगी और उन्हें एसएआई कोच के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सागरमाला योजना के अंतर्गत बंदरगाह विकास योजना के पूरा हो जाने के बाद उन मछुआरों को लाभ मिलेगा, जो मछली पकड़ने के लिए इस बंदरगाह का उपयोग करते हुए समुद्र में जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे चेन्नई से समुद्री संपर्क मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पुडुचेरी के उद्योगों की मालवहन गतिविधि में मदद मिलेगी और चेन्नई बंदरगाह पर माल उतारने में मदद मिलेगी। इससे तटीय शहरों में यात्रियों की आवाजाही संभव हो सकेगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुडुचेरी में सरकारी तथा निजी क्षेत्र के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के कारण मानव संसाधन समृद्ध है तथा यहां उद्योग और पर्यटन विकास की क्षमता है जो रोजगार तथा अवसर प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘पुडुचेरी के लोग प्रतिभावान है। यह भूमि बहुत सुन्दर है। पुडुचेरी के विकास के लिए अपनी सरकार की ओर से सभी संभव समर्थन व्यक्तिगत रूप से आश्वस्त करने के लिए मैं यहां हूं।’’
पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री का यह पुडुचेरी का दूसरा दौरा है। इससे पहले 2018 में उन्होंने निकटवर्ती विल्लुपुरम जिले में ऑरोविले अंतरराष्ट्रीय परियोजना का दौरा किया था।
प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब प्रदेश का राजनीतिक माहौल पूरी तरह बदला हुआ है। कांग्रेसनीत राज्य सरकार के अल्पमत में आने के बाद वी नारायणसामी ने 22 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
उनके इस्तीफे के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की इस प्रस्ताव को स्वीकृति के साथ यहां विधानसभा भंग हो जाएगी।
पुडुचेरी में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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