मोदी सरकार ने किया 85 साल पुरानी हज सब्सिडी का खात्माः 10 बड़ी बातें

By आदित्य द्विवेदी | Updated: January 16, 2018 20:51 IST2018-01-16T20:22:54+5:302018-01-16T20:51:25+5:30

हज सब्सिडी साल 1932 में अंग्रेजों के जमाने में हज कमेटी एक्ट के साथ ही शुरू हुई थी। जानें कैसे-कैसे बदलाव हुए...

Modi Government withdraw Haj Subsidy: All you need to know in 10 points | मोदी सरकार ने किया 85 साल पुरानी हज सब्सिडी का खात्माः 10 बड़ी बातें

मोदी सरकार ने किया 85 साल पुरानी हज सब्सिडी का खात्माः 10 बड़ी बातें

मोदी सरकार ने हज यात्रा के लिए हर साल मिलने वाली सब्सिडी समाप्त कर दी है। यह सब्सिडी साल 1932 में अंग्रेजों के जमाने में हज कमेटी एक्ट के गठन के साथ ही शुरू हुई थी। समय के साथ इस एक्ट में कई बदलाव किए गए। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दिया कि 2022 तक हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी समाप्त की जाए। इस फैसले की घोषणा करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सब्सिडी के फंड का इस्तेमाल अल्पसंख्यक लड़कियों की पढ़ाई में खर्च किया जाएगा। नकवी ने कहा कि यह कदम तुष्टीकरण के बिना अल्पसंख्यकों को समृद्ध बनाने की सरकार की नीति का हिस्सा है। जानें हज सब्सिडी से जुड़ी 10 बड़ी बातें...

1. हज के लिए हवाई यात्रा में डिस्काउंट दिया जाता है। यह सुविधा सरकारी एयरलाइन (एयर इंडिया) से उड़ान भरने पर ही मिलती थी।

2. 2012 में सुप्रीम कोर्ट हज यात्रा की सब्सिडी में कटौती के निर्देश दिए। उसके बाद सरकार ने प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत कटौती की योजना बनाई। 2014 में प्रत्येक हज यात्री पर सरकार 35,000 रुपये सब्सिडी देती थी। जबकि कुल यात्रा खर्च 63 हजार से 1 लाख 64 हजार के बीच आता था।

3. 2017 तक हज सब्सिडी में करीब 50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई थी। हज यात्रा की सब्सिडी में कटौती की शुरुआत यूपीए-2 के शासन काल में शुरू हो गई थी।

4. पहली बार हज सब्सिडी 1932 में सामने आई थी जब ब्रिटिश सरकार ने बॉम्बे और कलकत्ता बंदरगाह से मुस्लिकों को हज यात्रा के लिए भेजना शुरू किया था। आजादी के बाद 1959 में सरकार ने पिछले एक्ट में बदलाव किया और हज यात्रा से जुड़े सभी मसलों के लिए एक कमेटी बना दी।

5. 1973 में जल मार्ग के साथ हवाई मार्ग के जरिए भी सऊदी अरब की हज यात्रा कराई जाने लगी। इसके साथ सरकार ने सब्सिडी की राशि भी बढ़ा दी। 

6. साल 1995 तक करीब 5 हजार हज यात्री जल मार्ग और करीब 19,000 यात्री हवाई मार्ग से जाते थे। 1995 में जलमार्ग से यात्रा को समाप्त कर दिया गया और सभी को हवाई मार्ग से जाना पड़ा।

7. हज सब्सिडी काफी पहले से विवादों में रही है। इसका सबसे बड़ा कारण एयर इंडिया का वर्चस्व है। सब्सिडी से एयर इंडिया को भारी मुनाफा होता है। इसके अलावा कुछ राजनीतिक दलों पर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने हज सब्सिडी का इस्तेमाल मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किया।

8. हज के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी केंद्र और राज्य सरकारें सब्सिडी देती है। इनमें प्रमुख रूप से हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयाग में होने वाले कुंभ मेले हैं। इसके अलावा कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सब्सिडी दी जाती है।

9. इस साल एक लाख 75 हजार मुस्लिम हज यात्रा पर जाने वाले हैं। जिनकी यात्रा की सब्सिडी पर करीब 700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता।

10. कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था। उन्होंने इस मामले को मुस्लिमों के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए कहा कि कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को धीरे-धीरे खत्म करने का निर्देश दिया था।

Web Title: Modi Government withdraw Haj Subsidy: All you need to know in 10 points

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