"मोदी सरकार 'इंडिया' शब्द से डरती है", कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने जी20 के रात्रिभोज निमंत्रण विवाद पर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 5, 2023 15:14 IST2023-09-05T15:06:52+5:302023-09-05T15:14:58+5:30

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राष्ट्रपति भवन द्वारा 9 सितंबर को 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम से जी20 का रात्रिभोज निमंत्रण भेजे जाने को मोदी सरकार के डर को बताया।

"Modi government is afraid of the word 'India'", Congress MP Pramod Tiwari says on G20 dinner invite controversy | "मोदी सरकार 'इंडिया' शब्द से डरती है", कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने जी20 के रात्रिभोज निमंत्रण विवाद पर कहा

फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार 'इंडिया' शब्द से डर गई हैयही कारण है कि 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम लिया जा रहा हैसंविधान के अनुच्छेद 1 में 'इंडिया' लिखा है, भला सरकार मनमाने तरीके से कैसे उसे हटा सकती है

नई दिल्ली:कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति भवन द्वारा 9 सितंबर को 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम से जी20 का रात्रिभोज निमंत्रण भेजे जाना मोदी सरकार के डर को बता रहा है। अब साफ हो गया है कि इस सरकार को 'इंडिया' शब्द से भी डर लगने लगा है।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस देश के संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा 'इंडिया', भला कैसे कोई सरकार मनमाने तरीके से उसे हटा सकती है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया', 'स्किल इंडिया', 'खेलो इंडिया' न जाने कितनी योजनाएं चलाईं। लेकिन अब वे 'इंडिया' शब्द से डरने लगे हैं। भारत के संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है 'इंडिया, दैट इज़ भारत'। भला इंडिया शब्द को कैसे हटाया जा सकता है।"

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश के यह कहने के बाद विवाद खड़ा हो गया कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य 'भारत के राष्ट्रपति' के बजाय 'भारत के राष्ट्रपति' के नाम पर निमंत्रण भेजा है।

दरअसल यह विवाद उस वक्त खड़ा हो गया, जब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के इतिहास को कथिततौर पर विकृत कर रहे हैं और देश के विभाजन का प्रयास कर रहे हैं। जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल पार्टियों का उद्देश्य है कि इंडिया में 'इंडिया' के माध्यम से जनता के बीच सद्भाव, सौहार्द, मेल-मिलाप और आपसी विश्वास बढ़े।

कांग्रेस नेता रमेश ने 'एक्स' पर कहा, “तो यह खबर वाकई सच है कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम से निमंत्रण भेजा गया है। अब संविधान में अनुच्छेद 1 को पढ़ा जा सकता है, जो कहता है कि भारत, जो इंडिया है। राज्यों का एक संघ होगा। इसका सीधा अर्थ है कि केंद्र सरकार द्वारा "राज्यों के संघ" पर सीधा हमला हो रहा है।''

जयराम रमेश के अलावा कांग्रेस के लोकसभा सांसद और सीडब्ल्यूसी सदस्य शशि थरूर ने भी केंद्र सरकार की ओर से जारी निमंत्रण पत्र को लेकर सत्ताधारी भाजपा की मंशा पर सवाल उठाया है। थरूर ने कहा, "हालांकि इंडिया को "भारत" कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि "इंडिया" नाम को पूरी तरह से ख़त्म कर दे, जो कि सदियों से देश की ब्रांड वैल्यू है।"

इस बीच केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस विवाद पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि यह देश 'भारत' था और 'भारत' ही रहेगा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को हर चीज से दिक्कत है और मैं उनके लिए कुछ नहीं कहना चाहता। मैं 'भारतवासी' हूं, मेरे देश का नाम 'भारत' था और हमेशा 'भारत' ही रहेगा। अगर कांग्रेस को इससे दिक्कत है तो उन्हें खुद इसका इलाज ढूंढना चाहिए।"

Web Title: "Modi government is afraid of the word 'India'", Congress MP Pramod Tiwari says on G20 dinner invite controversy

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