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किसानों की कर्ज माफी से केंद्र का साफ इनकार, सरकार ने संसद में बताया- किसानों पर 17 लाख करोड़ का है ऋण

By अभिषेक पारीक | Updated: July 27, 2021 19:39 IST

भागवत ने संसद को बताया कि नाबार्ड के आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न राज्यों के किसानों पर इस समय 16.8 लाख करोड़ का ऋण बकाया है।

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ठळक मुद्देकेंद्र सरकार ने संसद में बताया कि देश के किसानों पर फिलहाल करीब 17 लाख करोड़ का कर्ज है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड ने बताया कि कर्ज माफी की कोई योजना नहीं है। तमिलनाडु के किसान सर्वाधिक कर्ज में डूबे हैं। तमिलनाडु के किसानों पर 1.89 लाख करोड़ का कर्ज है।

देश के किसानों पर फिलहाल करीब 17 लाख करोड़ का कर्ज है और फिलहाल केंद्र सरकार की कर्ज माफी की कोई योजना नहीं है। किसानों के मुद्दे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत किशनराव कराड ने यह जवाब दिया है। 

भागवत ने संसद को बताया कि नाबार्ड के आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न राज्यों के किसानों पर इस समय 16.8 लाख करोड़ का ऋण बकाया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्यवार किसानों के कर्ज की राशि का ब्योरा भी पेश किया। 

तमिलनाडु के किसानों पर सर्वाधिक कर्ज

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु के किसान सर्वाधिक कर्ज में डूबे हैं। तमिलनाडु के किसानों पर 1.89 लाख करोड़ का कर्ज है। वहीं दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश के किसानों पर 1.69 लाख करोड़ का कर्ज है। वहीं सर्वाधिक कर्ज लेने वालों में तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश हैं। जहां किसानों पर कर्ज की राशि 1.55 लाख करोड़ है। 

कई राज्यों में कर्ज माफी की बात

केंद्र सरकार ने भले ही फिलहाल किसानों के कर्ज माफी की कोई योजना नहीं होने की बात कही है। हालांकि कई राज्यों ने किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही है। हाल ही में पंजाब किसानों के कर्ज की करोड़ों की राशि को माफ करने का ऐलान कर चुका है। पंजाब सरकार ने किसानों के लिए 590 करोड़ की कर्ज माफी की घोषणा की है। इस योजना के तहत अब तक पंजाब में 5.64 लाख किसानों का 4,624 करोड़ रुपये का कर्ज माफ हो चुका है। 

किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास

बता दें कि केंद्र सरकार का दावा है कि किसानों की आय दोगुना करने के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कह चुके हैं कि किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि आजकल किसानों की आय दोगुनी करने से ज्यादा किसानों के आंदोलन और उनकी तीन नए बने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग ज्यादा चर्चा में है। 

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