मोदी सरकार में देश पर हो गया इतना कर्ज, सरकारी योजनाओं के लिए हो सकती है फंड की कमी

By विकास कुमार | Updated: January 19, 2019 17:05 IST2019-01-19T14:55:31+5:302019-01-19T17:05:25+5:30

मोदी सरकार कई स्तर पर गरीबों के लिए लोक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है जिससे सरकार के बैलेंस शीट पर दबाव बढ़ रहा है. कर्ज में बढ़ोतरी की मुख्य वजह पब्लिक डेब्ट में हुई बढ़ोतरी है.

Modi Government debt increase up to 82 lakh crore, big setback before Lok Sabha election 2019 | मोदी सरकार में देश पर हो गया इतना कर्ज, सरकारी योजनाओं के लिए हो सकती है फंड की कमी

मोदी सरकार में देश पर हो गया इतना कर्ज, सरकारी योजनाओं के लिए हो सकती है फंड की कमी

केंद्र की मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले एक और झटका लगा है. सरकार चुनाव से पहले कई लोकलुभावन वादों के लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है, लेकिन ऐसे में यह रिपोर्ट बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं है. दरअसल वित्त मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत सरकार पर मौजूदा कर्ज बढ़कर 82 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है जो जून 2014 में 54 लाख करोड़ के आसपास थी.

राजकोषीय घाटा काबू में 

शुक्रवार को मोदी सरकार के कर्ज स्टेटस पर वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी किया, जिसमें यह बात सामने आई है. इससे पहले खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि सरकार का उद्देश्य राजकोषीय घाटा को 3.3 फीसदी के आसपास रखने का है और सरकार इसमें कहीं न कहीं सफल होती हुई दिख रही है.  

मोदी सरकार कई स्तर पर गरीबों के लोक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है जिससे सरकार के बैलेंस शीट पर दबाव पड़ रहा है. कर्ज में बढ़ोतरी की मुख्य वजह पब्लिक डेब्ट में हुई बढ़ोतरी है, जो 2014 में 48 लाख करोड़ से बढ़कर 73 लाख करोड़ तक पहुंच गई है. बाजार लोन भी बढ़ कर 52 लाख करोड़ के आसपास पहुंच गया है. केंद्र सरकार हर साल सरकार के वित्तीय सेहत को लेकर आंकड़े जारी करती है, यह प्रक्रिया 2010-11 से जारी है. 

योजनाओं के लिए हो सकती है फंड की कमी 

ऐसी ख़बरें आ रही है कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले यूनिवर्सल बेसिक इनकम और किसानों के लिए बड़ा एलान कर सकती है. अकेले UBI स्कीम के लागू होने से सरकार के बजट पर 60 हजार करोड़ का दबाव पड़ सकता है और देश में किसानों की जारी लोन माफी के कारण भी अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ा है, ऐसे में सरकार को अपनी कुछ योजनाओं को ठंडे बसते में डालना पड़ सकता है.

 मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' के लिए सरकार ने मात्र 2 हजार करोड़ का बजट का जारी किया है. जबकि विश्लेषकों के मुताबिक इस योजना को पूरे देश में ठीक रूप से लागू करने के लिए कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत बचे 90 हजार करोड़ को इस योजना के लिए एडजस्ट करना चाह रही है. 

लेकिन इस बीच इस रिपोर्ट के जारी होने से सरकार के ऊपर नैतिक दबाव भी बढ़ेगा और अपनी महत्त्वपूर्ण योजनाओं के लिए फंड की कमी भी झेलनी पड़ सकती है, लेकिन फिस्कल डेफिसिट को काबू में रखने के लिए सरकार की प्रशंसा भी हो रही है. 

Web Title: Modi Government debt increase up to 82 lakh crore, big setback before Lok Sabha election 2019

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