मोदी सरकार में अमित शाह बनेंगे गृह मंत्री, सीएम केजरीवाल ने 10 मई को कर दी थी 'भविष्यवाणी'
By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 31, 2019 16:54 IST2019-05-31T16:54:25+5:302019-05-31T16:54:25+5:30
10 मई को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि देशवासियों, वोट देते वक्त सोचना। अगर मोदी जी दोबारा आ गए तो अमित शाह गृहमंत्री होंगे। जिस देश का गृहमंत्री अमित शाह हो, उस देश का क्या होगा, ये सोच के वोट डालना।

बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 303 से ज्यादा सीटें हासिल कर ली। दिल्ली में भाजपा को 7 सीटें मिली।
कहा जाता है कि वाणी पर मां सरस्वती वास करती है। लोकसभा चुनाव के दौरान नेता एक-दूसरे पर लगातार कमेंट कर रह थे।
10 मई को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि देशवासियों, वोट देते वक्त सोचना। अगर मोदी जी दोबारा आ गए तो अमित शाह गृहमंत्री होंगे। जिस देश का गृहमंत्री अमित शाह हो, उस देश का क्या होगा, ये सोच के वोट डालना।
पीएम मोदी ने आज अमित शाह को देश का नया गृहमंत्री बना दिया। उनके गृह मंत्री बनने का अंदेशा अरविंद केजरीवाल को काफी पहले से था।
लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत 12 मई को होने वाले मतदान से पहले 10 मई को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली समेत देशवासियों को ट्वीट करते हुए आगाह किया था कि मोदी के पक्ष में वोट न करें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज से 21 दिन (10 मई) पहले ट्वीट करते हुए देशवासियों को आगाह करते हुए कहा था कि अगर मोदी फिर से सत्ता में आए तो गृह मंत्री अमित शाह होंगे।
देशवासियों, वोट देते वक़्त सोचना। अगर मोदी जी दोबारा आ गए तो अमित शाह गृह मंत्री होंगे। जिस देश का गृह मंत्री अमित शाह हो, उस देश का क्या होगा, ये सोच के वोट डालना। https://t.co/ws2ZCA7hjv
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 10, 2019
केजरीवाल की यह बात सही साबित हुई और नरेंद्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अमित शाह देश के नए गृह मंत्री बन गए। लेकिन जनता ने उनकी अपील पर ध्यान नहीं दिया और जहां उनकी आम आदमी पार्टी (आप) की बुरी तरह से हार हुई तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनाव में ऐतिहासिक विजय मिली।
बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 303 से ज्यादा सीटें हासिल कर ली। दिल्ली में भाजपा को 7 सीटें मिली। अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद देखना होगा कि केजरीवाल सरकार के साथ रिश्ते कैसे रहते हैं, क्योंकि कई मामलों में केंद्र के भरोसे दिल्ली सरकार को रहना पड़ता है।
दिल्ली पुलिस समेत कई अहम विभाग केंद्र के अधीन आते हैं। नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और केंद्र के बीच जमकर तनातनी दिखी थी। केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का दर्जा दिए जाने का आंदोलन भी शुरू किया था।