मंत्रियों की बैठक में चर्चा, मॉब लिन्चिंग पर सोशल मीडिया कंपनी के शीर्ष अधिकारी होंगे जिम्मेदार?
By भाषा | Published: September 5, 2018 07:05 PM2018-09-05T19:05:22+5:302018-09-05T19:05:22+5:30
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जीओएम की यह पहली बैठक थी और मंत्रियों को समिति की सिफारिशों के बारे में जानकारी दी गयी।
नई दिल्ली, पांच सितंबर: गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) ने बुधवार को उस पैनल की सिफारिशों पर चर्चा की जिसका गठन लिंचिंग (पीट पीट कर हत्या) की घटनाओं पर काबू की खातिर तरीकों का सुझाव देने के लिए किया गया है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति की प्रमुख सिफारिशों में से एक, भारत में सोशल मीडिया साइटों के शीर्ष अधिकारियों पर जिम्मेदारी डालना है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जीओएम की यह पहली बैठक थी और मंत्रियों को समिति की सिफारिशों के बारे में जानकारी दी गयी।
समझा जाता है कि समिति ने संसदीय अनुमोदन के जरिए भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता में नए प्रावधान शामिल कर कानून को सख्त बनाने की सिफारिश की है। अधिकारी ने बताया कि उम्मीद है कि अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए जीओएम अगले कुछ हफ्तों में और बैठकें कर सकता है। बाद में उसे अंतिम फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजा जाएगा।
जीओएम के सदस्यों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह जीओएम के प्रमुख हैं। पिछले एक साल के दौरान नौ राज्यों में ऐसी करीब 40 घटनाएं होने के बाद जीओएम तथा सचिवों की समिति का गठन किया गया था। जुलाई में, गृह मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया था।