गृह मंत्रालय ने मनीष सिसोदिया पर केस दर्ज करने को दी मंजूरी, 'जासूसी मामले' में CBI दर्ज कर सकेगी मुकदमा

By विनीत कुमार | Updated: February 22, 2023 08:56 IST2023-02-22T08:31:43+5:302023-02-22T08:56:28+5:30

गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार द्वारा गठित ‘फीडबैक यूनिट’ (एफबीयू) के तहत कथित जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने को अनुमति दे दी है। सीबीआई ने इसके लिए सिफारिश की थी।

Ministry of Home Affairs gives sanction to prosecute Manish Sisodia in 'Feedback Unit' alleged snooping case | गृह मंत्रालय ने मनीष सिसोदिया पर केस दर्ज करने को दी मंजूरी, 'जासूसी मामले' में CBI दर्ज कर सकेगी मुकदमा

'जासूसी मामले' में मनीष सिसोदिया पर केस दर्ज करने को मंजूरी

Highlightsमनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए गृह मंत्रालय ने सीबीआई को दी मंजूरी।दिल्ली सरकार द्वारा गठित 'फीडबैक यूनिट' (एफबीयू) के जरिए राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जासूसी का है आरोप।कथित शराब घोटाले में जांच के बाद मनीष सिसोदिया को यह दूसरा कानूनी झटका लगा है।

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय ने कथित जासूसी मामले में सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की ये मंजूरी दी है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। मनीष सिसोदिया के लिए यह दूसरा बड़ा कानूनी झटका है। इससे पहले दिल्ली के नए आबकारी नीति मामले में वे पहले से ही जांच का सामना कर रहे हैं।

दरअसल, इसी महीने की शुरुआत में सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में दावा किया था कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित 'फीडबैक यूनिट' (एफबीयू) ने कथित तौर पर 'राजनीतिक खुफिया जानकारी' एकत्र की। सीबीआई ने इस मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की थी। आरोपों के अनुसार एफबीयू राजनीतिक विरोधियों के बारे में जासूसी में भी लिप्त रहा है। 


सीबीआई ने कहा था कि आप सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों और स्वायत्त निकायों, संस्थानों और संस्थाओं के कामकाज के बारे में प्रासंगिक जानकारी और कार्रवाई योग्य प्रतिक्रिया एकत्र करने और 'ट्रैप केस' के लिए 2015 में एफबीयू की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। 

फीडबैक यूनिट’ (एफबीयू) को लेकर सीबीआई ने क्या कहा है? 

जांच एजेंसी के अनुसार इस इकाई ने गोपनीय सेवा व्यय के लिए एक करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ 2016 में काम करना शुरू किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में एक कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कोई एजेंडा नोट प्रसारित नहीं किया गया था। 

जांच एजेंसी के अनुसार एफबीयू में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा, कि फीडबैक इकाई ने उसे सौंपी गई जानकारी एकत्र करने के अलावा राजनीतिक खुफिया/विविध गोपनीय जानकारियों को भी एकत्र किया। सीबीआई ने दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के एक संदर्भ पर प्रारंभिक जांच दर्ज की। सतर्कता विभाग ने एफबीयू में अनियमितताओं का पता लगाया था।  

सीबीआई के अनुसार, एफबीयू द्वारा तैयार की गई 60 प्रतिशत रिपोर्टें सतर्कता और भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित थीं, जबकि 'राजनीतिक खुफिया जानकारी' और अन्य मुद्दों की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत की थी। सीबीआई ने कहा था कि एफबीयू कुछ 'गुप्त उद्देश्य' के लिए काम कर रहा था जो जीएनसीटीडी के हित में नहीं था लेकिन आम आदमी पार्टी और मनीष सिसोदिया के निजी हित में था।

Web Title: Ministry of Home Affairs gives sanction to prosecute Manish Sisodia in 'Feedback Unit' alleged snooping case

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