Milkipur Bypoll: मिल्कीपुर सीट पर योगी और अखिलेश में होगा मुक़ाबला, सीएम योगी संभाले हुए हैं कमान
By राजेंद्र कुमार | Updated: January 7, 2025 20:11 IST2025-01-07T20:10:42+5:302025-01-07T20:11:34+5:30
इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी। मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) ने अयोध्या सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र को अजीत प्रसाद को सपा ने मैदान में उतारा है।

Milkipur Bypoll: मिल्कीपुर सीट पर योगी और अखिलेश में होगा मुक़ाबला, सीएम योगी संभाले हुए हैं कमान
लखनऊ :उत्तर प्रदेश में अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी। मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) ने अयोध्या सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र को अजीत प्रसाद को सपा ने मैदान में उतारा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी तक इस सीट से चुनाव लड़ने वाले पार्टी उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं किया है। चर्चा है कि इस सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पसंद का उम्मीदवार चुनाव मैदान में खड़ा करेंगे।
अयोध्या में चर्चा है कि इस सीट पर भाजपा और सपा के बीच में ही चुनावी टक्कर होनी है क्योंकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेंगी। ऐसे में अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर सीएम योगी और सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए एक दूसरे से आमने-सामने मुक़ाबला करेंगे।
सीएम योगी संभाले हैं कमान :
यह दावा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट से पार्टी के उम्मीदवार को जिताने की कमान खुद संभाली हुई है। यही वजह है कि बीते लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक सीएम योगी सात बार मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में आ चुके है। गत दिनों उन्होंने अपने 6 मंत्रियों की ड्यूटी भी मिल्कीपुर में लगाई है।
इस मंत्रियों को उन्होंने मिल्कीपुर क्षेत्र में कैंप कर बूथ स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने और लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निदान करने के टास्क सौंपा है। ताकि वोटरों के बीच पैठ बनाई जा सके।
मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए खुद सीएम योगी और उनके दोनों उप मुख्यमंत्री इस सीट पर चुनाव प्रचार करने आएंगे। मुख्यमंत्री की मंशा है कि अयोध्या संसदीय सीट की हार का बदला मिल्कीपुर सीट पर जीत हासिल करके लिया जाए।
सपा नेताओं मोर्चे पर मुस्तैद :
सीएम योगी की इस मंशा को पूरा होने से रोकने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव भी पैर जमकर खड़े हो गए हैं। उन्हें पता है कि सीएम योगी और यूपी का समूचा भाजपा संगठन इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगा। इस अंदेशा के चलते ही अखिलेश यादव ने काफी पहले ही इस सीट से अजीत प्रसाद को पार्टी के उम्मीदवार घोषित कर उनके पिता सांसद अवधेश प्रसाद को ही इस सीट का प्रभारी बना दिया था।
अखिलेश के इस फैसले के बाद से ही अवधेश और अजीत प्रसाद क्षेत्र में लोगों के बीच जाकर योगी सरकार ही नीतियों की बखिया उधेड़ने में लगे हुए। यह पिता-पुत्र लो गो को बता रहे हैं कि किस तरफ से योगी सरकार पीडीए ( पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों) के हितों से साथ खिलवाड कर रही है। प्रशासन और पुलिस के भरोसे किस तरह से हाल ही में हुए उप चुनावों में सपा के उम्मीदवारों को हराया गया।
इस तरह से प्रचार करते हुए सपा नेता इस सीट पर पीडीए की एकजुटता और स्वाभिमान को मुद्दा बना रहे है. जल्दी ही इस प्रचार को अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, माता प्रसाद पाण्डेय, डिंपल यादव, ओम प्रकाश सिंह और गोंडा के तमाम सपा नेता अयोध्या में चुनाव प्रचार को धार देने में जुटेंगे।
मिल्कीपुर का सियासी समीकरण
अयोध्या संसदीय क्षेत्र की मिल्कीपुर सीट भाजपा के लिए कभी भी बहुत मुफीद नहीं रही हैं। इसकी वजह यह यहां का जातीय समीकरण। इस सीट पर सबसे अधिक आबादी यादव समाज की है। यहां करीब 65 हजार यादव मतदाता है, इसके बाद करीब 60 हजार पासी और 35 हजार मुस्लिम वोटर हैं।
इसके अलावा 50 हजार ब्राह्मण, 25 हजार ठाकुर, 50 हजार गैर-पासी दलित, 8 हजार मौर्य , 15 हजार चौरासिया, 8 हजार पाल, 12 हजार वैश्य वोटर हैं। 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं। अखिलेश यादव को विश्वास है कि जिस तरह से बीते विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के लोगों अवधेश प्रसाद को चुनाव जिताया था, उसी तरह इस बार उनके बेटे अजीत को भी चुनाव जीतकर विधानसभा भेजेंगे।