प्रवासी श्रमिकों से कश्मीर वादी हो गई खाली, जम्मू से भी लौटने की तैयारी और सभी गतिविधियां ठप
By सुरेश डुग्गर | Published: August 8, 2019 11:36 PM2019-08-08T23:36:55+5:302019-08-08T23:36:55+5:30
ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें कश्मीर खाली करने के लिए आतंकियों या अलगाववादियों ने नहीं कहा है बल्कि सरकारी तौर पर ऐसा करने के लिए कहा गया है।
बनते बिगड़ते हालात के बीच कश्मीर प्रवासी श्रमिकों से खाली हो गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें कश्मीर खाली करने के लिए आतंकियों या अलगाववादियों ने नहीं कहा है बल्कि सरकारी तौर पर ऐसा करने के लिए कहा गया है। इसका असर जम्मू संभाग में भी दिखने लगा है जहां से प्रवासी श्रमिकों की वापस लौटने की तैयारी आरंभ हो गई है।
नतीजतन प्रवासी श्रमिकों के वापस लौटने से सभी विकास गतिविधियां ठप होने की आश्ंाका है क्योंकि राज्य में उनकी संख्या 3 से 4 लाख बताई जाती है।घाटी में फंसे बाहरी राज्यों के श्रमिक अब धीरे-धीरे बाहर निकलने लगे हैं। अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद माहौल बेशक ’शांत’ हैं, लेकिन वहां रह रहे बाहरी राज्यों के लोग अब स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालात में उन्होंने वहां से लौटना ही मुनासिब समझा है। गौरतलब है कि दो अगस्त को सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों व बाहरी राज्य के लोगों को घाटी छोड़ने की सलाह दी थी। इसके बाद यात्रा को स्थगित कर लोगों को विशेष बसों और रेलगाडिय़ों के माध्यम से घाटी से निकाला था। मगर कुछ श्रमिक दूर-दराज के क्षेत्रों में होने के कारण फंस गए थे।
अब वह भी धीरे-धीरे वहां से बाहर निकलने लगे हैं। आज घाटी के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे करीब 10 हजार श्रमिक घाटी को छोड़कर जम्मू और ऊधमपुर पहुंचे। पिछले 24 घंटे में विभिन्न राज्यों के सात हजार से अधिक श्रमिक जम्मू कश्मीर से अपने-अपने घरों को रवाना हो गए हैं।बुधवार को करीब चार हजार श्रमिकों को ऊधमपुर और जम्मू रेलवे स्टेशन से 20 जनरल कोच वाली दो विशेष ट्रेनों के जरिये दरभंगा रवाना किया गया। दोनों ट्रेनें अंबाला, लखनऊ, गोरखपुर, समस्तीपुर से होते हुए दरभंगा में पहुंचेंगी। इसके अलावा भी पिछले 24 घंटे में विभिन्न रेलगाडिय़ों के माध्यम से तीन हजार श्रमिक और यात्री विभिन्न राज्यों के लिए रवाना हुए हैं। अन्य फंसे श्रमिकों के लिए वीरवार को विशेष ट्रेन के जरिये जम्मू कश्मीर से बाहर भेजा जाएगा।
बुधवार सुबह ही हजारों श्रमिक परिवार जम्मू रेलवे स्टेशन में पहुंचना शुरू हो गए। पूछने पर उन्होंने बताया कि कश्मीर में वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे थे। इस कारण रात के अंधेरे में घाटी छोड़ कर आ गए हैं। वहां रहना अब सुरक्षित नहीं हैं।कश्मीर में अभी भी हजारों की तादाद में बाहरी राज्यों के श्रमिक फंसे हैं। राज्य परिवहन निगम ने यात्रियों को निकालने के लिए आज को 30 बसें श्रीनगर के लिए रवाना किया था जो कल सुबह टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर श्रीनगर से यात्रियों को लाएंगी। एसआरटीसी के जीएम आपरेशन स. परमजीत सिंह ने बताया कि घाटी में फंसे यात्रियों को सुरक्षित जम्मू पहुंचाया जाएगा।