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Migrant crisis: नीतीश सरकार की फजीहत, प्रवासी मजदूर बन सकते हैं अपराधी, आनन-फानन में लिया वापस, तेजस्वी यादव ने बोला हमला

By एस पी सिन्हा | Updated: June 5, 2020 18:57 IST

पुलिस मुख्यालय यह कह रहा है कि तमाम कोशिश के बाद भी बिहार के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों को वांछित रोजगार मिलने की संभावना नहीं है. हालांकि एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार के 29 मई, 2020 को जारी पत्र से सरकार की किरकिरी होने के बाद विभाग ने पत्र को वापस ले लिया है.

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ठळक मुद्देपुलिस मुख्यालय ने दूसरा पत्र जारी कर इसे वापस ले लिया है. दूसरे पत्र में कहा गया है कि पहला पत्र भूलवश जारी कर दिया गया था. राज्य में दो महीनों में प्रवासी मजदूर काफी संख्या में आए हैं, जिन्हें वांछित रोजगार मिलने की संभावना काफी कम है.

पटनाः बिहार में एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां लॉकडाउन वजह से परदेस से आए सभी प्रवासी मजदूरों को बिहार में ही रोजगार देने की बात कर रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ पुलिस मुख्यालय यह कह रहा है कि तमाम कोशिश के बाद भी बिहार के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों को वांछित रोजगार मिलने की संभावना नहीं है. हालांकि एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार के 29 मई, 2020 को जारी पत्र से सरकार की किरकिरी होने के बाद विभाग ने पत्र को वापस ले लिया है.

इस पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय ने दूसरा पत्र जारी कर इसे वापस ले लिया है. दूसरे पत्र में कहा गया है कि पहला पत्र भूलवश जारी कर दिया गया था. यहां बता दें कि एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार के द्वारा जारी पहले पत्र में कहा गया था कि राज्य में दो महीनों में प्रवासी मजदूर काफी संख्या में आए हैं, जिन्हें वांछित रोजगार मिलने की संभावना काफी कम है.

इससे आर्थिक तंगी के कारण ये लोग अपराध का रास्ता अपना सकते हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सभी जिलों के अधिकारियों को पहले से तैयारी करने की हिदायत दी गई थी. इस पत्र के जारी होने के बाद पुलिस मुख्यालय के साथ ही राज्य सरकार की भी काफी फजीहत हो रही थी. इसके बाद अब जाकर आज इस पत्र को भूलवश जारी होने की बात कह कर विभाग ने इसे वापस ले लिया है.

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखा

बताया जाता है कि बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड आर्डर ने सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि बिहार में प्रवासी मजदूरों की भारी आमद की वजह से गंभीर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है. ऐसी स्थिति में स्थानीय परिदृश्य को देखते हुए कार्य योजना तैयार कर आवश्यक कार्यवाही करें.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार ने इस संबंध में 29 मई को सभी डीएम और एसपी को पत्र जारी किया है.ऐसे में कोरोना संकट के बीच बिहार लौटने वाले मजदूरों को लेकर बेहद आपत्तिजनक पत्र लिखने वाले बिहार पुलिस मुख्यालय ने फजीहत के बाद यू-टर्न मारा है. इस खबर के बाद आनन फानन में पुलिस मुख्यालय ने नया पत्र जारी किया है. एक लाइन के इस पत्र में कहा गया है कि पहले वाला पत्र भूलवश जारी हो गया था. बिहार के एडीजी लॉ एंड आर्डर ने आज आनन फानन में नया पत्र जारी किया.

इस पत्र में कहा गया है कि 29 मई को जारी किया गया पत्र भूलवश जारी किया गया था, इसे वापस लिया जा रहा है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले नीतीश कुमार जनता के नाम संदेश दे रहे थे. वे कह रहे थे कि बिहार के लोगों को प्रवासी मजदूर क्यों कहा जा रहा है. पिछले एक महीने से नीतीश कुमार ये लगातार दावे कर रहे हैं कि बिहार आने वाले हर मजदूर को यहीं काम दिया जायेगा. लेकिन बिहार पुलिस मुख्यालय के एक पत्र ने उनके सारे दावों की पोल खोल दी.

बिहार सरकार मान रही है कि वो सारे मजदूरों को काम नहीं दे सकती है. सबसे बडी बात ये कि अपने ही घऱ में बिहार के प्रवासी मजदूरों को खतरा माना जा रहा है. बिहार पुलिस के मुख्यालय का ये पत्र नीतीश सरकार के लिए भारी परेशानी का सबब बन गया.

नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला

ऐसे में तेजस्वी यादव ने आज पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार की जनता को नीतीश कुमार का प्रवचन नहीं सुनना है. नीतीश कुमार बताएं बिहारियों के लिए क्या कर रहे हैं? तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार मजदूरों पर लाठी-डंडे बरस रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले से बिहार सरकार की नीयत ठीक नहीं थी. सरकार नहीं लाना चाहती थी.

अब ला दिया है तो प्रवासी मजदूरों को अपमानित कर रही है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने दूसरे दर्जे का व्यवहार किया है. बिहार सरकार लाने और प्रवासी मजदूरों को लाने से मुकर गई. प्रवासी मजदूरों को क्वॉरंटाइन करने से मुकर गई. क्या नीतीश कुमार इसको लेकर दोषी है कि नहीं? नीतीश कुमार ने बडे-बडे दावे किए की प्रवासियों को रोजगार दिया जाएगा. लेकिन इसमें में तो साफ लिखा है कि इनको रोजगार नहीं मिलेगा.तेजस्वी यादव ने कहा कि पुलिस मुख्यालय का लेटर गरीब विरोधी है.

अमानवीय है, राजद इसका विरोध करती है. विरोध में सात जून थाली बचाएंगे. प्रवासी मजदूरों को लेकर सिर्फ नीतीश कुमार ज्ञान और प्रवचन देते हैं. सरकार कह रही है कि 20 लाख प्रवासी मजदूर बिहार आए हैं तो सरकार को बताना चाहिए कि उनक कैसे नौकरी देंगे. किस-किस क्षेत्रों में नौकरी देंगे? इसका रोड मैप लोगों के सामने लाए. जिसके सभी को पता चले.

तेजस्वी ने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए सरकार की क्या कार्ययोजना है, इसको भी सामने लाना चाहिए. सरकार को यह भी बनाता चाहिए कि बिहार में कितने लोग बेरोजगार है. पहले से ही बिहार में सात करोड पहले से बेरोजगार है. प्रवासी को मिला दिया जाए तो करीब 8 करोड लोग बेरोजगार है. सरकार गरीब को अपराधी बता रही है. जिस राज्य में 8 करोड लोग बेरोजगार रहेगा तो क्या राज्य का विकास होगा? जब बिहार का विकास नहीं होगा तो देश का विकास कैसे होगा?

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