मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव डीएस यादव को कुलपति ने बर्खास्त कर दिया है। उन पर उच्च न्यायालय की फीस एवं हवाई यात्रा और अन्य मदों में 18 लाख रुपये के गबन का आरोप है। कृषि विवि के कुलपति डॉ आरके मित्तल ने स्थानीय मीडिया को बताया, “डीएस यादव पर गबन का आरोप था। उन पर जो आरोप लगे थे, वह कमेटी की जांच में सही पाए गए जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। कुलपति के अनुसार इसकी सूचना राजभवन को भी दे दी गई है।” गौरतलब है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में देवेंद्र यादव लगभग 16 वर्ष पूर्व विधिक अधिकारी के पद पर तैनात हुए थे। इसके बाद आठ दिसंबर 2008 को उन्हें सहायक कुलसचिव बनाया गया था। देवेंद्र यादव पर उच्च न्यायालय संबंधित और विवि के अन्य कार्यों की देखरेख की जिम्मेदारी थी। इसका भुगतान विवि के सरकारी खर्चे से किया जाता था। यादव पर 2016 में आरोप लगा कि उन्होंने कृषि विवि के लगभग 18 लाख रुपए का दुरुपयोग किया। 2016 के तत्कालीन कुलपति ने उनपर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। सरकारी धन के गबन के मामले में सहायक कुलसचिव को जेल भी जाना पड़ा था। इस मामले में कुलपति डा. आरके मित्तल ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बुधवार शाम सहायक कुलसचिव को बर्खास्त कर दिया गया और सहायक कुलसचिव की सभी सेवाएं बंद करने का आदेश जारी किया गया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।