देश के 146 राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों की एमईई रिपोर्ट जारी

By भाषा | Updated: January 11, 2021 22:12 IST2021-01-11T22:12:33+5:302021-01-11T22:12:33+5:30

MEE report of 146 national parks, wildlife sanctuaries of the country released | देश के 146 राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों की एमईई रिपोर्ट जारी

देश के 146 राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों की एमईई रिपोर्ट जारी

नयी दिल्ली, 11 जनवरी पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को देश के 146 राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (एमईई) रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि बाघों की वैश्विक की संख्या का 70 प्रतिशत और 60 प्रतिशत से अधिक तेंदुए भारत में पाया जाना देश की संपन्न जैव विविधता का प्रमाणपत्र है।

मंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस वर्ष से दस सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यान, पांच तटीय एवं समुद्री पार्क और देश के शीर्ष पांच चिड़ियाघर को हर साल रैंक दिया जाएगा और सम्मानित किया जाएगा।

जावडेकर ने पहली बार रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘‘बाघों की वैश्विक संख्या का 70 प्रतिशत, एशियाई शेरों का 70 प्रतिशत और 60 प्रतिशत से अधिक तेंदुए भारत में मौजूद होना इसके संपन्न जैव विविधता का प्रमाणपत्र है, क्योंकि बाघ, शेर और तेंदुए खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर आते हैं और उनकी बढ़ती संख्या पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की कुशलता को दर्शाती है।’’

एमईई की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल का जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान और रायगंज वन्यजीव अभयारण्य, हिमाचल प्रदेश का सैंज और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्यों के साथ-साथ हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान को भारत के शीर्ष पांच राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के रूप में घोषित किया गया है।

उत्तर प्रदेश में दो वन्यजीव अभयारण्य - कछुआ डब्ल्यूएलएस और जय प्रकाश नारायण पक्षी अभयारण्य और हरियाणा, असम और राजस्थान में एक-एक नीचे के पांच में शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में भारत में 903 संरक्षित क्षेत्रों का एक नेटवर्क है जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग पांच प्रतिशत है। उसने कहा कि संरक्षित क्षेत्रों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए प्रबंधन प्रभावशीलता का मूल्यांकन आवश्यक है।

मंत्रालय ने कहा कि संरक्षित क्षेत्रों (पीए) का प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (एमएई) पीए प्रबंधकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उभरा है क्योंकि इसका उपयोग सरकारों और अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन प्रणालियों की ताकत और कमजोरियों को समझने के लिए किया जा रहा है।

पर्यावरण मंत्री ने भारतीय चिड़ियाघरों की प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन रूपरेखा की भी शुरुआत की जिसमें देश के चिड़ियाघरों के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश, मानदंड और संकेतक प्रस्तावित किये गए हैं।

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Web Title: MEE report of 146 national parks, wildlife sanctuaries of the country released

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