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Budget 2020: चिकित्सकीय उपकरण उद्योग ने बजट पर जतायी निराशा, इलाज महंगा होने की जाहिर की आशंका

By भाषा | Updated: February 2, 2020 18:15 IST

एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने चिकित्सकीय उपकरणों के घरेलू उद्योग के प्रति एक बार फिर से बजट में उदासीनता दिखाये जाने को लेकर निराशा जाहिर की। संगठन ने कहा कि उसे घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के बड़े उपायों की अपेक्षा थी।

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ठळक मुद्देचिकित्सकीय उपकरणों पर उपकर लगाने से आयातित उत्पादों की लागत बढ़ेगी देश में गंभीर चिकित्सा के 80 प्रतिशत से अधिक उपकरण उपलब्ध कराते हैं।

चिकित्सा क्षेत्र के प्रौद्योगिकी कंपनियों के संगठन ‘मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ ने कहा कि चिकित्सकीय उपकरणों पर उपकर लगाने से आयातित उत्पादों की लागत बढ़ेगी और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र महंगा होगा। संगठन ने कहा कि यह प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के मूल सिद्धांत के प्रतिकूल है।

संगठन के निदेशक संजय भूटानी ने एक बयान में कहा, ‘‘बजट में चिकित्सकीय उपकरणों के आयात पर लगने वाले सीमा शुल्क पर पांच प्रतिशत का उपकर लगाया है। इससे आयातित चिकित्सकीय उपकरणों की लागत बढ़ेगी। अंतत: इस बढ़ी लागत का बोझ मरीजों पर पड़ेगा और इलाज महंगा होगा।’’

उन्होंने कहा कि यह पीछे खींचने वाला कदम है और यह उन वैश्विक कंपनियों के खिलाफ है जो देश में गंभीर चिकित्सा के 80 प्रतिशत से अधिक उपकरण उपलब्ध कराते हैं। इसके कारण मरीजों के समक्ष तस्करी के ऐसे सस्ते उत्पादों का भी जोखिम बढ़ता है जो कम शुल्क वाले पड़ोसी देशों से अवैध तरीके से आते हैं और जिनके साथ सर्विस या वैध गारंटी नहीं होती है।

भूटानी ने कहा, ‘‘सरकार को आत्म-निर्भरता का तर्क भी सावधानी से देना चाहिये। हमें लगता है कि सरकार ने जिन उत्पादों पर उपकर लगाया है, उनके बारे में विचार ही नहीं किया है। इनमें से कई ऐसी उपश्रेणियां हैं, जिनका विनिर्माण भारत में हो ही नहीं सकता है।’’

एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने चिकित्सकीय उपकरणों के घरेलू उद्योग के प्रति एक बार फिर से बजट में उदासीनता दिखाये जाने को लेकर निराशा जाहिर की। संगठन ने कहा कि उसे घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के बड़े उपायों की अपेक्षा थी। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए चिकित्सकीय उपकरणों के आयात पर उपकर लगाने का प्रस्ताव किया। 

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