अनुच्छेद 370ः भारत ने चीन से कहा- हम अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करते, इसका ध्यान रखा जाए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 6, 2019 20:11 IST2019-08-06T20:11:05+5:302019-08-06T20:11:05+5:30
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया और प्रस्ताव दिया कि राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा जाए। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में कश्मीर पर चीन के रुख को ‘‘स्पष्ट और एकरूप’’ बताया और कहा कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास की विरासत से आया है जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी आमसहमति है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने पर आपत्ति जताकर इस क्षेत्र पर चीन के दावे को रेखांकित किया।
भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने का आह्वान करते हुए चीन ने मंगलवार को कश्मीर की स्थिति पर ‘‘गंभीर चिंता’’ जताते हुए कहा कि उन्हें यथास्थिति को ‘‘एकपक्षीय’’ तरीके से बदलने वाले तथा दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचना चाहिए।
चीन ने लद्दाख को पृथक केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम पर अपना विरोध भी जताया। नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘भारत अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करता और अन्य देशों से भी यही उम्मीद करता है।’’
MEA: So far as India-China Boundary Question is concerned, the 2 sides have agreed to a fair, reasonable&mutually acceptable settlement of boundary question on the basis of Political Parameters & Guiding Principles for Settlement of India-China Boundary Question. https://t.co/92lpq606LC
— ANI (@ANI) August 6, 2019
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया और प्रस्ताव दिया कि राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा जाए। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में कश्मीर पर चीन के रुख को ‘‘स्पष्ट और एकरूप’’ बताया और कहा कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास की विरासत से आया है जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी आमसहमति है।
हुआ ने नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच गोलाबारी तथा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत सरकार के कदम से जुड़े मीडिया के सवालों के लिखित जवाब में कहा कि चीन कश्मीर की वर्तमान स्थिति को लेकर ‘‘गंभीर रूप से चिंतित’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सतर्क होकर कदम उठाने चाहिए, खासकर यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने वाले तथा तनाव बढाने वाले कदमों से बचना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों पक्षों से बातचीत एवं सलाह मशविरा के जरिये संबंधित विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने तथा क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता का संरक्षण करने का आह्वान करते हैं।’’
चीन द्वारा हालिया समय में कश्मीर मुद्दे पर जारी यह दूसरा बयान है। चीन ने 26 जुलाई को कहा था कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे तथा अन्य विवादों को बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण ढंग से निपटाना चाहिए। चीन ने दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने में ‘‘रचनात्मक भूमिका’’ निभाने में अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति समर्थन जाहिर किया था।
यह बयान वाशिंगटन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के प्रस्ताव के जवाब में जारी किया गया। भारत ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा था कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है।
एक अलग बयान में, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने पर आपत्ति जताकर इस क्षेत्र पर चीन के दावे को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने हमेशा चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चीन की सरजमीं को भारत द्वारा अपने प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में शामिल करने का विरोध किया है। ’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह रुख दृढ एवं एकसमान रहा है और कभी बदला नहीं है। भारत द्वारा अपने कानूनों में एकपक्षीय तरीके से संशोधन चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता को निरंतर कमतर करता है जो अस्वीकार्य है तथा इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’
मंत्रालय ने भारत से ‘‘सीमा मुद्दे पर अपने शब्दों और कदमों को लेकर बहुत सतर्क रहने, दोनों पक्षों के बीच हाल में हुए समझौतों का कड़ाई से पालन करने तथा सीमा मुद्दे को और जटिल बनाने वाले किसी कदम से बचने का’’ अनुरोध किया।
चीन की प्रवक्ता की टिप्पणियों से जुड़े सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि भारत और चीन ‘सीमा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए राजनीतिक मानकों और मार्गदर्शक सिद्धांत’ के आधार पर संबंधित सीमा के निष्पक्ष, तार्किक और आपसी रूप से स्वीकार्य समझौते पर सहमत हुए हैं। कुमार ने नयी दिल्ली में कहा, ‘‘इस तरह का समझौता होने तक, दोनों पक्ष संबंधित समझौतों के आधार पर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं अमन-चैन कायम रखने पर सहमत हुए हैं।’’