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मायावती की कार्यकर्ताओं को 'सर्व समाज' को जोड़ने व 'कैडर' पर भरोसा करने की नसीहत

By भाषा | Updated: June 12, 2021 19:53 IST

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लखनऊ, 12 जून उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को सर्व समाज के लोगों को जोड़ने की नसीहत देते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी के लोगों को 'कैडर' पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए न कि उन नेताओं पर जो निजी स्वार्थ को पार्टी हित से ज्यादा महत्व देते हैं और बिक जाते हैं।

शनिवार को बसपा के उत्‍तर प्रदेश राज्‍य मुख्यालय में आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं से विमर्श के बाद अपने संबोधन में मायावती ने बसपा की राजनीतिक व सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ सर्वसमाज में पार्टी का जनाधार बढ़ाने पर जोर दिया। बसपा मुख्‍यालय से जारी बयान के अनुसार मायावती ने कार्यकर्ताओं से दो टूक कहा, “पार्टी के लोगों को कैडर पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए न कि उन नेताओं पर जो परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर कांशीराम का नाम तो लेते हैं, लेकिन निजी स्वार्थ को इतना महत्व दे देते हैं कि पार्टी व मूवमेंट को भी आघात लगाने से नहीं हिचकते और बिक जाते हैं।''

बसपा प्रमुख ने कहा, “अन्ततः ऐसे लोग पार्टी से ज्यादा अपना ही अहित करते हैं भले ही इसका एहसास उन्हें बाद में होता है, ऐसे लोगों से सावधानी बनाए रखना जरूरी है।” बसपा प्रमुख ने गत दिनों बसपा विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया था।

मायावती ने बसपा छोड़कर दल-बदल करने वाले नेताओं से कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा, “बसपा अन्य पार्टियों से एकदम अलग सर्व समाज के गरीबों व उपेक्षितों के कल्याण के लिए संघर्ष करने वाली कैडर आधारित पार्टी है और इसलिए पार्टी की जमीनी तैयारियां व इसकी मजबूती आदि के लिए भी छोटी-छोटी कैडर बैठकों का सिलसिला हर हाल में मिशनरी भावना के तहत लगातार जारी रखना है।”

अपने कार्यकर्ताओं को सभी जातियों को बसपा से जोड़ने का मंत्र देते हुए मायावती ने दावा किया कि बसपा शासन के चारों कार्यकाल में सर्व समाज और कमजोर तबकों के लिए अनगिनत कार्य किये गये लेकिन बाद की सरकारों ने जातिवादी मानसिकता के कारण उन्हें रोक दिया। उन्होंने कोरोना प्रकोप के अति कठिन काल में बसपा के लोगों द्वारा आम जनमानस के बीच किये गये कार्यों की सराहना की। मायावती ने यह भी कहा कि विभिन्न दलों को मिलने वाले चंदों की खबर मीडिया में आती है लेकिन बसपा एक अलग पार्टी है जो धन्नासेठों और पूंजीपतियों आदि के धनबल व उनके इशारों पर चलने वाली गुलाम मानसिकता वाली पार्टी नहीं है।

उन्होंने कार्यकर्ताओं को सजग किया कि संगठन की मजबूती के साथ-साथ आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के लोगों को कैडर बैठक का ही सहारा लेना है और उन बैठकों में उन्हें यह याद दिलाना है कि बसपा सर्व समाज की हितैषी पार्टी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा की सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की सरकार बनाने के लिए मिशनरी भावना से काम करते रहना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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