बसपा में भी उगा परिवार वाद का पेड़, जानें मायावती ने अपने स्टैंड पर आखिर कैसे लिया यू-टर्न!

By आदित्य द्विवेदी | Published: June 24, 2019 02:31 PM2019-06-24T14:31:09+5:302019-06-24T14:31:09+5:30

भाई-भतीजावाद के नाम पर दूसरी पार्टियों पर हमला बोलने वाली मायावती ने 23 जून 2019 को एक बड़ा U-Turn लिया। मायावती के भाई आनंद कुमार को एकबार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है और भतीजे आकाश को बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है।

Mayawati U-Turn on nepotism and dynasty politics in BSP, here is all you need to know | बसपा में भी उगा परिवार वाद का पेड़, जानें मायावती ने अपने स्टैंड पर आखिर कैसे लिया यू-टर्न!

अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती

Highlightsआकाश आनंद को मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा है।मायावती ने अपने काडर के बीच संदेश दे दिया था कि आने वाले दिनों में आकाश की पार्टी में भूमिका अहम हो सकती है।मायावती ने इससे पहले भी अपने भाई आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था।

साल 2017 की बात बात है। बसपा सुप्रीमो मायावती से उनके भतीजे आकाश के राजनीतिक भविष्य के बारे में सवाल पूछा गया। मायावती ने कहा, 'बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की तरह परिवारवाद नहीं चलाती।' भाई-भतीजावाद के नाम पर दूसरी पार्टियों पर हमला बोलने वाली मायावती ने 23 जून 2019 को एक बड़ा U-Turn लिया। मायावती के भाई आनंद कुमार को एकबार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है और भतीजे आकाश को बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है।

मायावती ने ये निर्णय ऐसे वक्त पर किया है जब उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसके अलावा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को अपेक्षित सफलता हासिल नहीं हुई और सपा के साथ उनका गठबंधन फेल हो गया है। पार्टी के कई पुराने और दिग्गज नेता बसपा का साथ छोड़ चुके हैं।

मायावती ने इससे पहले भी अपने भाई आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। हालांकि उन्होंने तब ये भी कहा था कि वह विधायक, सांसद, मंत्री या मुख्यमंत्री पद नहीं लेंगे। लेकिन बाद में हुए विवाद की वजह से उन्होंने आनंद को पद से हटा दिया था। एकबार फिर से उन्होंने आनंद कुमार पर ही भरोसा जताया है। माना जा रहा है कि मायावती के बाद आनंद के बेटे आकाश ही पार्टी की कमान संभालेंगे। 

कहां से शुरू हुई कहानी

24 वर्षीय आकाश लंदन से एमबीए की पढ़ाई कर चुके हैं। सबसे पहले उनकी सार्वजनिक उपस्थिति साल 2016 में देखी गई थी। वो सहारनपुर की एक जनसभा में मायावती के साथ मंच पर मौजूद थे। इसके बाद उन्हें कई बार मायावती के साथ देखा गया। लोकसभा चुनाव में बसपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी आकाश का नाम था। यही कारण रहा कि आकाश को मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा है।

आगरा से हुई आकाश की लॉन्चिंग

लोकसभा चुनाव के दौरान आपत्तिजनक भाषण देने की वजह से मायावती पर 72 घंटे का बैन लगा। बसपा प्रमुख मायावती की गैरमौजूदगी में उनके भतीजे आकाश आनंद ने आगरा में एक जनसभा की संबोधित किया। यहीं से मायावती के उत्तराधिकारी कहे जाने वाले उनके भतीजे आकाश को लॉन्च किया गया।

आगरा में हर किसी की नजरें आकाश आनंद पर थीं। आकाश ने सबसे पहले जनसभा को संबोधित किया और लोगों के सामने अपनी बुआ मायावती के संदेश को पढ़ा।  मायावती ने अपने काडर के बीच संदेश दे दिया था कि आने वाले दिनों में आकाश की पार्टी में भूमिका अहम हो सकती है।

आकाश से मायावती को बड़ी उम्मीद

महंगे कपड़ों के शौकीन आकाश के बारे में कहा जाता है कि राजनीति में उनकी गहरी दिलचस्पी है। लंदन से उन्होंने मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। बसपा की बैठकों में वे बिना कुछ बोले मायावती को देखते और सुनते हैं। उनकी वजह से ही मायावती के कार्यक्रमों की अब फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी होने लगी है। बिना नाम और पहचान के उनकी टीम सोशल मीडिया में भी एक्टिव हैं।

सपा-बसपा की राहें अब जुदा

उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन टूट गया है। बीएसपी सुप्रीमो ने ऐलान किया है कि पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी। वहीं समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि  लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा?

English summary :
Akash, an MBA graduate from London, is believed to be among the front-runners to take over the party after Mayawati. He made his first public appearance in 2016 when he accompanied Mayawati to Saharanpur after which he has shared the stage with her many times and was in the list of party's star campaigners ahead of Lok Sabha polls.


Web Title: Mayawati U-Turn on nepotism and dynasty politics in BSP, here is all you need to know

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