लाइव न्यूज़ :

मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा देने का प्रस्ताव सात साल से अधर में

By नितिन अग्रवाल | Updated: February 9, 2021 12:05 IST

महाराष्ट्र सरकार से 19 नवंबर 2013 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था. जिसे 14 मार्च 2014 भाषायी विशेषज्ञ समिति को विचार के लिए भेजा गया था. समिति ने इस प्रस्ताव पर 6 फरवरी 2015 में रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी.

Open in App
ठळक मुद्देआर. गांधी की याचिकाओं पर अदालत के फैसला होने तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.8 अगस्त 2016 को मद्रास हाईकोर्ट ने याचिकाओं को निरस्त करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.राऊत ने यह भी जानना चाहा था कि मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा कब तक देने का विचार है.

नई दिल्लीः अपने फैसलों के लिए रास्ता बनाने में माहिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अभी तक मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा दिलाने को लेकर कोई फैसला नहीं कर सकी है.

मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास पिछले 7 साल से लंबित है. प्रस्ताव को आगे बढ़ने में और कितना समय लगेगा इसे लेकर भी केंद्र सरकार ने हाथ खड़े कर लिए हैं. संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया कि मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार से 19 नवंबर 2013 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था. जिसे 14 मार्च 2014 भाषायी विशेषज्ञ समिति को विचार के लिए भेजा गया था. समिति ने इस प्रस्ताव पर 6 फरवरी 2015 में रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी.

हालांकि मद्रास हाईकोर्ट में आर. गांधी की याचिकाओं पर अदालत के फैसला होने तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. हालांकि 8 अगस्त 2016 को मद्रास हाईकोर्ट ने याचिकाओं को निरस्त करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.

मंत्री ने लोकसभा में बताया कि इस बीच भाषाई समिति के दो सदस्यों का निधन हो गया, जिनके स्थान पर हिमाचल और रीवा विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रोफेसर अरुण दिवाकरनाथ वाजपेयी और त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अरुणोदय साहा को नियुक्त किया गया.

विशेषज्ञ समिति करती है फैसला: विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें और उन पर केंद्र सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के शिवसेना के विनायक राऊत के सवाल के लिखित जवाब में पटेल ने केवल इतना बताया कि भाषाओं को प्राचीन भाषा के रूप में वर्गीकृत करने और इस बारे में नियमों की समीक्षा करने का अधिकार केवल विशेषज्ञ समिति को है. दर्जा देने के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं: राऊत ने यह भी जानना चाहा था कि मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा कब तक देने का विचार है. जिस पर मंत्री ने कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होने की बात कही.

टॅग्स :संसदमहाराष्ट्रनागपुरमुंबईभारत सरकारनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए