पुणेः मराठा आरक्षण आंदोलन फिर हुआ हिंसक, पुणे-नासिक हाइवे पर प्रदर्शनकारियों का हंगामा, धारा 144 हुई लागू
By रामदीप मिश्रा | Published: July 30, 2018 05:17 PM2018-07-30T17:17:14+5:302018-07-30T19:42:07+5:30
समाचार एजेंसी के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे (ग्रामीण) में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया।
मुंबई, 30 जुलाईः महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर हो रहा विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके लिए मराठा समुदाय पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहा है, जोकि कई बार हिंसक हो गया है और जिसमें तीन लोगों की मौतें हो चुकी हैं और कई घायल हो चुके हैं। मराठा समुदाय की मांग है कि नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में उसे आरक्षण दिया जाए।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे (ग्रामीण) में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया। साथ ही साथ बसों में तोड़फोड़ की और टायरों को जलाया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियो को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया।
Pune: Earlier visuals of protests over #MarathaReservation from Chakan area where Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed due to the protests. #Maharashtrapic.twitter.com/vDq2q9I1tA
— ANI (@ANI) July 30, 2018
इधर, पुणे-नासिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और आंदोलन हिंसक होने के बाद पुलिस प्रशासन ने चकन में धारा 144 लागू कर दी है। अब क्षेत्र में चार से अधिक लोग एक साथ नहीं निकल सकते या फिर घूम सकते हैं। वहीं, कांग्रेस ने अपने विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक लेने के बाद राज्यपाल विद्यासागर राव को मराठा आरक्षण मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा, मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार के तेज प्रयासों की मांग की।
Maharashtra: After conducting a meeting of their MLAs & senior party leaders, Congress has written to Governor Vidyasagar Rao to intervene in the matter of #MarathaReservation and ask the state government to expedite its efforts for providing 16% reservation to Maratha community pic.twitter.com/GtVsfbZkY7
— ANI (@ANI) July 30, 2018
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर यहां 35 वर्षीय एक व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने छलांग लगाकर कथित रुप से आत्महत्या कर ली। मुकुंदवाड़ी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक नाथा जाधव ने को बताया कि प्रमोद जयसिंह होरे ने रविवार को फेसबुक और व्हाट्सऐप पर लिखा था कि वह आरक्षण की मांग के समर्थन में अपनी जान दे देगा। उसने कल रात यहां मुकुंदवाड़ी क्षेत्र में चलती ट्रेन के सामने कथित रुप से छलांग लगा दी। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, जयसिंह ने फेसबुक पर लिखा था, ‘‘आज एक मराठा छोड़कर जा रहा है, लेकिन मराठा आरक्षण के लिए कुछ कीजिए।’’ महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी में जुटे जयसिंह ने एक अन्य संदेश में लिखा था, ‘‘मराठा आरक्षण एक जान लेगा।’’ जयसिंह का शव सोमवार सुबह रेल पटरी पर मिला।
आपको बता दें, मराठा आंदोलन की शुरुआत 15 अक्टूबर को कोल्हापुर में मराठा रैली के दौरान हुई थी। ये समुदाय ओबीसी दर्जे की मांग कर रहा है। गौरतलब है कि 2014 में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों मे 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था। जिसपर नवंबर 2014 में बम्बई हाई कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने कुल आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ाने की बात कही थी। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी बताया कि इस बात कोई सबूत नहीं मिले हैं कि मराठा समुदाय आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, कोई भी राज्य 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकता। आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था के तहत देश में अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है। 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण तभी दिया जा सकता है जब मराठा समुदाय पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डलवा दिया जाए। लेकिन यह काम केवल केंद्र सरकार ही कर सकती है।
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