महाराष्ट्र सरकार में जगह नहीं मिलने से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के कई नेताओं में असंतोष

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 1, 2020 09:05 IST2020-01-01T09:05:20+5:302020-01-01T09:05:20+5:30

मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने से शिवसेना के कुछ नेताओं के भी नाखुश होने की खबरें हैं. रामदास कदम, दिवाकर रावते, रवींद्र वाइकर जैसे वरिष्ठ नेताओं समेत कई मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं दी गई.

Many leaders of Shiv Sena, Congress and NCP dissatisfied due to lack of place in Maharashtra government | महाराष्ट्र सरकार में जगह नहीं मिलने से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के कई नेताओं में असंतोष

महाराष्ट्र सरकार में जगह नहीं मिलने से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के कई नेताओं में असंतोष

Highlightsकांग्रेस नेताओं का एक वर्ग नई मंत्रिपरिषद में पार्टी के निष्ठावान नेताओं को शामिल नहीं किए जाने से परेशान है. शिवसेना के नेता भी वरिष्ठ और पूर्व मंत्रियों को जगह नहीं मिलने से नाखुश हैं.

महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद के विस्तार के अगले दिन मंगलवार को सत्तारूढ़ शिवेसना, राकांपा और कांग्रेस के खेमों से अंसतोष के स्वर सामने आए और सरकार में नए चेहरे चुने जाने की आलोचना की गई. भोर से कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे के समर्थकों ने उन्हें महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पुणे में मंगलवार शाम को पार्टी कार्यालय पर हमला कर तोड़फोड़ की. कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग नई मंत्रिपरिषद में पार्टी के निष्ठावान नेताओं को शामिल नहीं किए जाने से परेशान है.

वहीं, शिवसेना के नेता भी वरिष्ठ और पूर्व मंत्रियों को जगह नहीं मिलने से नाखुश हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को महीनेभर पुरानी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार में 36 मंत्रियों को शामिल किया था. इनमें 14 (दस कैबिनेट और चार राज्य मंत्री) राकांपा के, 12 (आठ कैबिनेट और चार राज्यमंत्री) शिवसेना के और दस (आठ कैबिनेट तथा दो राज्य मंत्री) कांग्रेस के हैं. सोमवार को मंत्रिपरिषद के विस्तार के कुछ ही घंटे बाद रात को बीड़ जिले से राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके ने घोषणा की थी कि वह मंगलवार को इस्तीफा दे देंगे. क्योंकि वह ''राजनीति करने के लायक ही नहीं'' हैं. लेकिन, मंगलवार को राकांपा नेतृत्व उनका विचार बदलवाने में सफल रहा.

मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने से शिवसेना के कुछ नेताओं के भी नाखुश होने की खबरें हैं. रामदास कदम, दिवाकर रावते, रवींद्र वाइकर जैसे वरिष्ठ नेताओं समेत कई मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं दी गई. ये सभी भाजपा की अगुवाई वाली पिछली सरकार में मंत्री थे. कार्यकर्ताओं से अनुशासन बनाए रखने की शिवसेना की अपील के बावजूद सोलापुर की जिलास्तरीय कार्यकर्ता शैला गोडसे ने तानाजी सावंत को सरकार में शामिल नहीं करने को लेकर इस्तीफा दे दिया.

इस बीच, सोलापुर के जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष नितिन नागने ने तीन बार की कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को खून से पत्र लिखा . एक पार्षद ने प्रणीति शिंदे के समर्थन में सोलापुर नगर निगम और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

हालांकि प्रणीति शिंदे ने कहा, '' मैं पार्टी नेतृत्व का फैसला स्वीकार करती हूं. चूंकि यह तीन दलों की सरकार है, इसलिए इसमें सभी को शामिल नहीं किया जा सकता, मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से संयम बनाए रखने का अनुरोध करती हूं.''

अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए मुंबई के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने विधायक असलम शेख और विश्वजीत कदम की निष्ठा पर सवाल उठाया. शेख कैबिनेट मंत्री और कदम राज्यमंत्री बनाए गए हैं. नेता ने कहा कि शेख और कदम इस साल अक्तूबर के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से जुड़ने के लिए कथित रूप से इच्छुक थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी की थी. शेख को भाजपा ने टिकट का भी आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया जिससे शेख कांग्रेस में लौटने के लिए बाध्य हुए. पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता नसीम खान ने भी पार्टी में असंतोष होने की बात कबूल की है.

Web Title: Many leaders of Shiv Sena, Congress and NCP dissatisfied due to lack of place in Maharashtra government

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