बीजेपी नेताओं ने उठाई दिल्ली-मुंबई में जनसंख्या रजिस्टर तैयार कराने की मांग, असम NRC को लेकर जारी है विवाद

By रामदीप मिश्रा | Updated: August 1, 2018 19:48 IST2018-08-01T19:48:23+5:302018-08-01T19:48:23+5:30

असम में सोमवार को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया गया था, जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ के नाम शामिल किए गए और 40 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर रखा गया।

manoj tiwari and Raj Purohit says NRC should be implemented in delhi and mumbai | बीजेपी नेताओं ने उठाई दिल्ली-मुंबई में जनसंख्या रजिस्टर तैयार कराने की मांग, असम NRC को लेकर जारी है विवाद

बीजेपी नेताओं ने उठाई दिल्ली-मुंबई में जनसंख्या रजिस्टर तैयार कराने की मांग, असम NRC को लेकर जारी है विवाद

नई दिल्ली, 01 अगस्तः असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर उठा विवाद थमा ही नहीं है था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता इसे अलग-अलग राज्यों में लागू करवाने की मांग उठाने लगे हैं, जिसके लिए उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह, चुनाव आयोग व स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई है, ताकि बाहरी लोगों को चिंहित किया जा सके।

दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि कृपया दिल्ली में भी एक सर्वेक्षण आयोजित करें (एनआरसी की तरह) क्योंकि बड़ी संख्या में रोहिंग्या और विदेशी घुसपैठिया यहां रह रहे हैं और उनमें से कइयों के पास आधार और राशन कार्ड भी हैं।  



वहीं, महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक पुरोहित ने कहा है कि अगर एनआरसी असम में लागू हो सकता है तो इसे मुंबई सहित पूरे में लागू करना चाहिए। इसलिए मैंने मुंबई के जिला कलेक्टर, सीपी मुंबई और राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एनआरसी लागू करने और कोलाबा और मुंबई में बांग्लादेशियों की पहचान करने के लिए कहा है।  


आपको बता दें, असम में सोमवार को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया गया था, जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ के नाम शामिल किए गए और 40 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर रखा गया। तब से इस मुद्दे पर राजनीति गर्माई हुई है और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तमाम विपक्षी दल सरकार के ऊपर हमलावर है। 

सीएम ममता बनर्जी ने आपत्ति जाहिर कर कह चुकी हैं कि वे 'भारतीय नागरिक' अपनी ही जमीन पर 'शरणार्थी' हो गए हैं। केंद्र सरकार 'वोट बैंक की राजनीति' कर रही है। ममता ने यह भी दावा किया था कि कुछ ऐसे लोगों के भी नाम अंतिम मसौदे से हटा दिए गए हैं जिनके पास पासपोर्ट, आधार और वोटर कार्ड हैं। मोदी सरकार ने 40 लाख लोगों को जबरन निकालने की कोशिश की है। 

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Web Title: manoj tiwari and Raj Purohit says NRC should be implemented in delhi and mumbai

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