मराठा आरक्षण मुद्दाः कैबिनेट बैठक में नहीं गए मंत्री छगन भुजबल, क्या सरकार के फैसले से खफा, आखिर क्यों हो रहा विरोध, जानें पूरी कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2025 16:00 IST2025-09-03T15:59:13+5:302025-09-03T16:00:32+5:30

Manoj Jarange Patil Maratha Morcha: मांगों में पात्र मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल है, जिससे वे ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण लाभ के पात्र हो जाएंगे।

Manoj Jarange Patil Maratha Morcha reservation issue Minister Chhagan Bhujbal not attend cabinet meeting upset government decision why protest, know story | मराठा आरक्षण मुद्दाः कैबिनेट बैठक में नहीं गए मंत्री छगन भुजबल, क्या सरकार के फैसले से खफा, आखिर क्यों हो रहा विरोध, जानें पूरी कहानी

file photo

Highlightsदेवेंद्र फडणवीस नीत सरकार द्वारा जारी उस प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं।महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार देर शाम को हैदराबाद गजट पर एक आदेश जारी किया।कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने में मदद के लिए एक ग्राम स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की।

मुंबईः मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण देने का विरोध कर रहे महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए। ओबीसी समुदाय के प्रमुख नेता भुजबल ने कहा, ‘‘मैं कैबिनेट बैठक में नहीं गया।’’ मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सरकार द्वारा उनकी अधिकांश मागों को माने जाने के बाद मंगलवार को मुंबई में अपना पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया। उनकी मांगों में पात्र मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल है, जिससे वे ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण लाभ के पात्र हो जाएंगे।

भुजबल ने मंगलवार को कहा कि वह देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार द्वारा जारी उस प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं जिसमें मराठा समुदाय के उन लोगों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र प्रदान करने का प्रावधान है जिनके पास संबद्ध दस्तावेज हैं। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार देर शाम को हैदराबाद गजट पर एक आदेश जारी किया।

मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने में मदद के लिए एक ग्राम स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की जो खुद को कुनबी के रूप में मान्यता देने वाले दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने में सक्षम हों। इससे पहले, भुजबल ने चेतावनी दी थी कि मराठों को समायोजित करने के लिए ओबीसी के मौजूदा आरक्षण को बाधित करने का कोई प्रयास किया गया तो समुदाय के सदस्य बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

मेरे फैसले पर भरोसा रखें, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के हमारे लोगों को आरक्षण मिलेगा: जरांगे

आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को कहा कि अब मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के सदस्यों को आरक्षण मिलेगा। उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और उनके फैसले पर भरोसा रखने की अपील की। अनशन समाप्त करके मुंबई से लौटे जरांगे (43) छत्रपति संभाजीनगर में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां वह शरीर में पानी की कमी और रक्त शर्करा कम होने से संबंधित समस्या का इलाज करा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने जीत हासिल की है और इसका श्रेय मराठा समुदाय को जाता है। मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के मराठों को अब आरक्षण मिलेगा।”

पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने समेत अधिकांश मांगों को महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्वीकार करने किए जाने के बाद जरांगे ने पांच दिन चला अनशन मंगलवार को समाप्त कर दिया। कुनबी प्रमाण पत्र हासिल होने से मराठों को शिक्षा और नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

जरांगे ने भाजपा के वरिष्ठ मंत्री और मराठा आरक्षण से संबंधित कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटिल और समिति के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपनी भूख हड़ताल समाप्त की। वह 29 अगस्त से आजाद मैदान में आंदोलन कर रहे थे। जरांगे ने कहा, “राज्य सरकार ने अब तक हमारे पक्ष में एक भी पंक्ति नहीं लिखी है।

लोगों को 'जोकर टाइप' लोगों (जिन्होंने उनके कदम की आलोचना की है) पर विश्वास नहीं करना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ बोलने वालों ने मराठा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया है।” कार्यकर्ता ने कहा कि उनके समुदाय के लोग अंततः आंदोलन वापस लेने के उनके फैसले को समझेंगे। उन्होंने कहा, “मराठवाड़ा क्षेत्र में किसी भी मराठा को आरक्षण से वंचित नहीं रखा जाएगा।”

जरांगे ने कहा कि मराठों की कुनबी वंशावली स्थापित करने में मदद करने के लिए ग्राम-स्तरीय समितियां बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा, “समुदाय खुश है, मैं खुश हूं।” जरांगे ने कहा, “समुदाय को शांति बनाए रखनी चाहिए और (उनके फैसले पर) भरोसा रखना चाहिए। सब कुछ सही है, और अगर कुछ गड़बड़ हुई भी, तो हम उसे ठीक कर देंगे। कल (मंगलवार) मुझसे मिलने आए लोगों ने मुझे यही जबान दी है।” 

कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को कहा कि मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को अब आरक्षण मिलेगा जबकि ओबीसी नेताओं ने सरकार के फैसले पर नाखुशी जताई और आंदोलन की चेतावनी दी। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक प्रमुख नेता व महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए, जिससे यह संकेत मिलता है कि सब कुछ ठीक नहीं है।

जरांगे ने छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल से पत्रकारों से कहा, “हमने जीत हासिल की है और इसका श्रेय मराठा समुदाय को जाता है। मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के मराठा लोगों को अब आरक्षण मिलेगा।” उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और उनके फैसले पर भरोसा रखने की अपील की।

मुंबई में अपनी भूख हड़ताल समाप्त करके लौटे 43 वर्षीय कार्यकर्ता शरीर में पानी की कमी और निम्न रक्त शर्करा के कारण यहां एक निजी अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में हैं। जरांगे ने कहा, “राज्य सरकार ने अब तक हमारे पक्ष में एक भी पंक्ति नहीं लिखी है। लोगों को ‘जोकर टाइप’ लोगों (जिन्होंने उनके कदम की आलोचना की है) पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

इस फैसले के खिलाफ बोलने वालों ने मराठा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया है।” मुंबई उच्च न्यायालय ने हालांकि कार्यकर्ता से उनके पांच दिवसीय आंदोलन का विरोध करने वाली याचिकाओं में लगाए गए आरोपों पर जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि मुंबई में संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया।

जरांगे द्वारा अनशन समाप्त करने के बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने दक्षिण मुंबई में सड़कों और आजाद मैदान में पड़े कूड़े के ढेर, खाद्य पदार्थों और पानी की बोतलों को हटाने के लिए रात भर काम किया। बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने कहा कि पांच दिन तक चले मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान आजाद मैदान और आसपास के इलाकों से 125 मीट्रिक टन से अधिक कचरा उठाया गया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय के हित में समाधान ढूंढ लिया है। सरकार द्वारा पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने सहित उनकी अधिकांश मांगों को स्वीकार करने के बाद जरांगे ने विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। सरकार के इस कदम से मराठा ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण लाभ के पात्र हो जाएंगे।

सरकार ने मराठा समुदाय के सदस्यों को उनकी कुनबी विरासत के ऐतिहासिक साक्ष्य के साथ कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है। मराठा समुदाय को राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। कुनबी राज्य का एक पारंपरिक कृषक समुदाय है और उन्हें नौकरियों और शिक्षा में सरकारी आरक्षण के लिए पात्र बनाने के वास्ते महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी की सूची में शामिल किया गया है। सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश (जीआर) में हैदराबाद गजेटियर को लागू करने का भी उल्लेख किया गया है।

जरांगे ने कहा कि उनके समुदाय के लोग अंततः आंदोलन वापस लेने के उनके फैसले को समझेंगे। उन्होंने कहा, “मराठवाड़ा क्षेत्र में किसी भी मराठा को आरक्षण से वंचित नहीं रखा जाएगा।” उन्होंने कहा कि मराठों को अपनी कुनबी वंशावली स्थापित करने में मदद करने के लिए ग्राम-स्तरीय समितियां बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा, “समुदाय खुश है, मैं खुश हूं।”

भुजबल के मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल न होने के बारे में पूछे जाने पर, जरांगे ने कहा, “इसका मतलब है कि वह एक चतुर नेता हैं। इसका मतलब यह भी है कि मराठा समुदाय आरक्षण पाने में सफल रहा है।” जरांगे ने यह भी दावा किया कि मामले को अदालत में ले जाने के प्रयास विफल हो जाएंगे क्योंकि “जीआर को चुनौती नहीं दी जा सकती”।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार को मराठों को ‘कुनबी’ जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने की मांग स्वीकार करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ओबीसी समुदाय इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को कम करना चाहते हैं।

जरांगे ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया कि मुद्दा सुलझ जाने के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन वापस ले लिया गया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे की पीठ ने प्रतिवेदन स्वीकार कर लिया, लेकिन कहा कि कार्यकर्ता को मुंबई में उनके और उनके समर्थकों द्वारा आयोजित पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन के खिलाफ याचिकाओं में लगाए गए विभिन्न अन्य आरोपों के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल करना होगा। पीठ ने पूछा, “कुछ मुद्दे हैं। सार्वजनिक संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया।

इसकी भरपाई कौन करेगा?” हालांकि, जरांगे और आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठनों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सतीश मानशिंदे और वी.एम. थोराट ने कहा कि आम आदमी को असुविधा के अलावा कोई नुकसान नहीं हुआ है। पीठ ने कहा कि जरांगे और संगठनों को अपना रुख स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करना होगा।

मराठा आरक्षण के संबंध में अदालतों में याचिकाएं दायर करने वाले कार्यकर्ता विनोद पाटिल ने पात्र समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने संबंधी सरकारी आदेश को “पूरी तरह से बेकार” बताया। पाटिल ने दावा किया कि मुंबई में जरांगे के विरोध प्रदर्शन के बाद जारी किए गए सरकारी आदेश से समुदाय को कोई सार्थक लाभ नहीं होगा।

मुंबई पुलिस के कुशल प्रबंधन के कारण शांतिपूर्ण रहा मराठा आंदोलन

कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व वाले आरक्षण आंदोलन में शामिल होने के लिए हजारों मराठाओं के मुंबई में जुटने के बीच मुंबई पुलिस ने भीड़ को कुशलतापूर्वक और चतुराई से संभाला, जिससे पांच दिनों तक चले आंदोलन के दौरान स्थिति काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। दक्षिण मुंबई में ऐतिहासिक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) भवन के पास स्थित आजाद मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति कभी नियंत्रण से बाहर नहीं हुई।

जरांगे ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त को भूख हड़ताल शुरू की थी और राज्य सरकार द्वारा उनकी अधिकतर मांगें मान लेने के बाद मंगलवार अपराह्न को इसे समाप्त कर दिया। पिछले हफ़्ते जब उन्होंने अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया, तो पूरे महाराष्ट्र से प्रदर्शनकारी उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए आयोजन स्थल पर पहुंचे।

दक्षिण मुंबई के मुख्य चौराहों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ देखी गई, जिससे सुबह के व्यस्त समय में यातायात जाम हो गया। उनमें से कई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) परिसर के अंदर चले गए, यहां तक कि प्लेटफॉर्म पर चटाई बिछाकर सो गए।

एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि आजाद मैदान में निर्धारित आंदोलन से पहले मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए तैयारी की और जरांगे की टीम के साथ बैठकें कीं। आजाद मैदान में 1,500 से अधिक पुलिस कर्मियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की एक-एक टुकड़ी के साथ ही एसआरपीएफ, दंगा नियंत्रण पुलिस और महाराष्ट्र सुरक्षा बल तैनात किए गए थे।

पुलिस ने 29 अगस्त को आजाद मैदान में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, जिसमें केवल 5,000 प्रदर्शनकारियों को ही शामिल होने की अनुमति थी। लेकिन अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आंदोलन शुरू हुआ 8,000 वाहनों में 60,000 से ज्यादा लोग मुंबई में इकट्ठा हो गए, जिससे विरोध स्थल की ओर जाने वाले सभी रास्ते अवरुद्ध हो गए।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ड्रोन के अलावा दक्षिण मुंबई में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी स्थिति पर नजर रख रही थी। ऐसी भी कई घटनाएं देखी गयीं, जहां प्रदर्शनकारियों ने यातायात को अवरुद्ध कर दिया और इस बात पर अड़े रहे कि वे तभी हटेंगे जब जरांगे उन्हें निर्देश देंगे।

ऐसे मौकों पर संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्य नारायण चौधरी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अभिनव देशमुख और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रवीण मुंधे सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर देखे गए। डीसीपी मुंधे ने तुरंत जरांगे को वीडियो कॉल किया, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों से पुलिस के साथ सहयोग करने को कहा और इसके बाद प्रदर्शनकारी हट गए।

स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब मुंबई उच्च न्यायालय ने सरकार से मंगलवार को अपराह्न तीन बजे से पहले सड़कें खाली कराने को कहा, जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने फिर से प्रदर्शनकारियों से आजाद मैदान और सीएसएमटी के सामने की सड़कों से अपने वाहन हटाने के लिए कहना शुरू कर दिया।

पुलिस को सार्वजनिक स्थानों से वाहनों को हटाने के लिए घोषणाएं करते तथा प्रदर्शनकारियों से वाहनों को पड़ोसी नवी मुंबई में खड़ा करने के लिए कहते देखा गया। मंगलवार को जब भीड़ कम हो गई और प्रदर्शनकारियों ने आजाद मैदान का पूरा इलाका खाली कर दिया, तो संयुक्त पुलिस आयुक्त चौधरी ने पुलिस कर्मियों के प्रयासों की सराहना करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, आप सभी ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाला। मुझे आप सभी पर गर्व है।’’ एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के एक ही स्थान पर इकट्ठा होने के बावजूद, स्थिति कभी भी नियंत्रण से बाहर नहीं हुई। पुलिस ने स्थिति को अच्छी तरह और कुशलतापूर्वक संभाला, जिससे कोई टकराव नहीं हुआ।’’ 

Web Title: Manoj Jarange Patil Maratha Morcha reservation issue Minister Chhagan Bhujbal not attend cabinet meeting upset government decision why protest, know story

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे