Mann Ki Baat 100th Episode: 100वीं कड़ी का प्रसारण रविवार को, जारी होगा 100 रुपये का सिक्का, सर्वे में खुलासा-23 करोड़ लोग सुनते हैं, जानें आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 24, 2023 21:24 IST2023-04-24T21:23:20+5:302023-04-24T21:24:09+5:30

Mann Ki Baat 100th Episode: अक्टूबर, 2014 में शुरू हुए ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 99 एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कई विषयों पर बात की है।

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कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जा रहा है।

Highlights 65 प्रतिशत श्रोता हिंदी में उनकी बात सुनना पसंद करते हैं। अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली जैसी 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है।कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जा रहा है।

Mann Ki Baat 100th Episode: वित्त मंत्रालय ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें संस्करण को मनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 100 रुपये का एक नया सिक्का जारी किया जाएगा। केंद्र सरकार के अधिकार के तहत जारी किया जाएगा।

लगभग 23 करोड़ लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को हर महीने के आखिरी रविवार को सुनते हैं, जिसमें 65 प्रतिशत श्रोता हिंदी में उनकी बात सुनना पसंद करते हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान-रोहतक द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। मन की बात की 100वीं कड़ी का प्रसारण इस रविवार को किया जाएगा।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम मोबाइल फोन के बाद टेलीविजन चैनलों पर अधिक सुना जाता है, जिसमें रेडियो श्रोताओं की संख्या कुल श्रोताओं का 17.6 प्रतिशत है। इसमें पाया गया कि 100 करोड़ से अधिक लोगों ने कम से कम एक बार कार्यक्रम को सुना है, जबकि लगभग 41 करोड़ सामयिक श्रोता थे।

आईआईएम-रोहतक के निदेशक धीरज पी. शर्मा ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया, “कुल श्रोताओं में से 44.7 प्रतिशत टेलीविजन सेट पर कार्यक्रम सुनते हैं, जबकि 37.6 प्रतिशत मोबाइल फोन पर इसे सुनते हैं।” प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा कि 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, ‘मन की बात’ फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली जैसी 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है।

द्विवेदी ने कहा कि कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जा रहा है। आईआईएम-रोहतक के छात्रों द्वारा किए गए सर्वेक्षण में चार क्षेत्रों - उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम - और विभिन्न आयु समूहों में 10,003 उत्तरदाताओं से संपर्क किया गया, जिनमें से अधिकांश स्व-रोजगार और अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े थे।

सर्वेक्षण में पाया गया कि 18 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कार्यक्रम को अंग्रेजी में, चार प्रतिशत ने उर्दू में, और दो प्रतिशत डोगरी और तमिल में सुनना पसंद किया। इसमें पाया गया कि अन्य भाषाओं जैसे मिज़ो, मैथिली, असमिया, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया, गुजराती और बंगाली के श्रोताओं की हिस्सेदारी कुल श्रोताओं की नौ प्रतिशत थी।

सर्वेक्षण में पाया गया कि 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सरकार के कामकाज और देश की प्रगति के बारे में आशावादी महसूस किया, जबकि 58 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ है। कम से कम 59 प्रतिशत ने सरकार में भरोसा बढ़ने की जानकारी दी।

सर्वेक्षण के अनुसार, सरकार के प्रति आम धारणा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 63 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि सरकार के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक हो गया है और 60 प्रतिशत ने राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने में रुचि दिखाई।

सर्वेक्षण में पाया गया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम के सबसे लोकप्रिय विषय भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां, आम नागरिकों की कहानियां, सशस्त्र बलों की वीरता, युवाओं, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन से जुड़े मुद्दे थे। आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत तथा कृषि और उद्यमिता विकास के लिए व्यापक जागरूकता के माध्यम के रूप में माना जाता है। आईसीएआर-मैनेज के एक ताजा अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।

कई एपिसोड में कृषि मुद्दों का भी जिक्र किया गया है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मन की बात के किसानों और अन्य अंशधारकों के बीच प्रभाव और सीखने के माहौल का आकलन करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा एक अध्ययन किया गया था।

इस अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और एकीकृत कृषि प्रणाली (विविधीकरण) को अपनाने की इच्छा मन की बात के एपिसोड में शामिल छोटे किसानों का सबसे पसंदीदा विषय थे। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘मन की बात को कृषि और उद्यमशीलता के विकास के लिए प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत और बड़े पैमाने पर जागरूकता का माध्यम माना जाता है।’’

मोटे अनाज के किसानों के साथ एक अन्य आकलन से पता चला है कि कृषि विज्ञान केंद्र के पेशेवरों द्वारा मन की बात और अनुवर्ती कार्रवाई के माध्यम से दिए गए संदेश ने मोटे अनाज की उन्नत किस्मों को अपनाने की प्रक्रिया और उत्पादन प्रणाली पर किसानों की धारणा को मजबूत किया है।

कृषि मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, मन की बात कार्यक्रम ने कृषि-स्टार्टअप को किसानों को लाभान्वित करने वाले नवीन समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह, कार्यक्रम के दायरे में लिये गए कृषि-ड्रोन पर किए गए अध्ययन ने संकेत दिया कि अधिकांश किसानों (अनुकूल दृष्टिकोण वाले) ने ड्रोन को कृषि कार्यों के लिए एक उपयोगी तकनीक के रूप में माना।

इसमें आगे कहा गया है, ‘‘हालांकि, उनमें से काफी लोगों ने इस तकनीक को समझने में जटिलता के संबंध में अपनी चिंता भी व्यक्त की है।’’ इसके अलावा, अध्ययन में कहा गया है कि रेडियो कार्यक्रम किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर कृषि-व्यवसाय को आसान बनाने, उच्च मूल्य वाली फसलों के आदानों की आसान उपलब्धता और सामूहिक कार्रवाई के लिए एक अनुकूल वातावरण भी बना सकता है।

जो किसानों की खेती की लागत को कम कर सकता है। एफपीओ किसानों ने कहा कि मन की बात के से वे कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने वाली सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं से भी अवगत हुए। बयान में कहा गया है कि मधुमक्खी पालन पर अध्ययन से पता चला है कि मन की बात कार्यक्रम के बाद इस क्षेत्र के मौजूदा संसाधन जुटाए गए हैं।

Web Title: Mann Ki Baat 100th Episode Rs 100 coin released occasion pm narendra modi 23 crore regular listeners Survey

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