मनीष सिसोदिया की पत्नी की तबीयत खराब, सीबीआई-ईडी मामलों में आप नेता की याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
By मनाली रस्तोगी | Published: July 10, 2023 12:11 PM2023-07-10T12:11:46+5:302023-07-10T12:13:21+5:30
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमत हो गया। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मामले का तत्काल उल्लेख किया। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिसोदिया को अपने आवास पर अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी।
मनीष सिसोदिया केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को दिल्ली शराब नीति घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई को उन्हें सीबीआई मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।
गुरुवार को सिसोदिया ने दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दायर अलग-अलग आपराधिक मामलों में जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
मनीष सिसोदिया की संपत्तियां कुर्क
हाल ही में ईडी ने सिसोदिया की दो संपत्तियों को जब्त कर लिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि तथाकथित शराब घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है, जो आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को बदनाम करने का एक प्रयास है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईडी ने कुछ टीवी चैनलों पर यह खबर प्रसारित की थी कि ईडी ने सिसोदिया की 52 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनके पूर्व डिप्टी सिसोदिया की दो संपत्तियां जब्त की गईं, जिनमें से दो फ्लैट थे, जिनमें से एक 2004-05 के आसपास 5 लाख रुपए में खरीदा गया था और दूसरा 2018 में 65 लाख रुपए में खरीदा गया था। इसके अलावा सिसोदिया के नाम पर एक बैंक खाता है जिसमें 11 लाख रुपए हैं। इसमें भी ईडी ने कुर्की की थी।
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत सिसोदिया और उनकी पत्नी सहित शराब घोटाले के आरोपियों की 52।24 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने के लिए एक अनंतिम आदेश जारी किया। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा अनियमितताओं के आरोपों पर सीबीआई जांच शुरू होने के बाद दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपनी नई उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 वापस ले ली थी।