मणिपुर हिंसा: राहत शिविरों में जीवन बिता रहे लोगों सरकार देगी 1,000 रुपये की सहायता राशि

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 28, 2023 07:53 AM2023-06-28T07:53:00+5:302023-06-28T08:00:38+5:30

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बीते मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य सरकार जातीय दंगों के कारण राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को 1,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि देगी ताकि वो अपने लिए कपड़े और निजी सामान खरीद सकें।

Manipur Violence: Government to give Rs 1,000 as assistance to people living in relief camps | मणिपुर हिंसा: राहत शिविरों में जीवन बिता रहे लोगों सरकार देगी 1,000 रुपये की सहायता राशि

मणिपुर हिंसा: राहत शिविरों में जीवन बिता रहे लोगों सरकार देगी 1,000 रुपये की सहायता राशि

Highlightsमुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राहत कैंपों में रह रहे लोगों के लिए की सहायता राशि का ऐलानमणिपुर सरकार राहत कैंपों के पीड़ितों को देगी 1,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि मणिपुर हिंसा में बेघर हुए लगभग 50,000 लोग राज्य के 300 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं

इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हिंसा प्रभावित इलाकों में बने राहत कैंपों में जीवन जी रहे लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बीते मंगलवार को कहा कि सरकार जातीय दंगों के कारण राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को 1,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि देगी ताकि वो अपने लिए कपड़े और निजी सामान खरीद सकें।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा इंफाल पूर्वी जिले के खुमान लैंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने एक राहत कैंप का दौरा करने के दौरान कही। उस राहत कैंप में 106 महिलाएं और बच्चे बीते एक महीने से अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं। पिछले महीने की शुरुआत में हिंसा शुरू होने के बाद से अब लगभग 50,000 लोग राज्य भर में 300 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, "सरकार ने राहत शिविरों में रहने वालों को 1,000 रुपये देने का फैसला किया है। वित्तीय सहायता संबंधित जिला अधिकारियों के माध्यम से दी जाएगी।"

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस घोषणा के बाद इंफाल पश्चिम जिले में बने एक राहत कैंप लाम्फेलपत का भी दौरा किया और वहां मौजूद लोगों से बातचीत की। उसके बाद उन्होंने कहा, “राज्य सरकार प्रभावित लोगों की सहायता करने और पीड़ितों को बुनियादी ज़रूरतें प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। विस्थापित व्यक्तियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए चल रहे उपायों के एक हिस्से के रूप में यह वित्तीय सहायता भी शामिल है।”

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बीते एक महीने से राज्य में जो कुछ हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य प्रशासन के अलावा महिला संगठनों सहित विभिन्न समूहों के अथक प्रयासों से हालात में काफी सुधार हुआ है। केंद्र सरकार भी चौबीसों घंटे राज्य की स्थिति पर नजर बनाये हुए है और राज्य में शांति बहाली के लिए लगातार काम कर रही है।

उन्होंने कहा, "लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मियों को उन संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है, जहां आतंकवादियों के हमले की संभावना है। रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात में उन्होंने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार पहाड़ी इलाकों में व्याप्त उग्रवादी गतिविधियों पर गौर करेगा"

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अमित शाह को यह भी बताया है कि राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि घाटी के इलाकों में अब कोई अशांति न हो। उन्होंने कहा, "सरकार हिंसा के बाद विस्थापित हुए लोगों को पुनर्वास प्रदान करने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रही है।"

इससे पूर्व सीएम बीरेन सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी सरकार हिंसा के दौरान अपने घरों से भागने वाले लोगों के अस्थाई पुनर्वास के लिए 3,000-4,000 घर बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "चुराचांदपुर जिले से विस्थापित लोगों के लिए बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में अस्थायी बस्ती बनाई जाएगी। स्थिति में सुधार होने पर सभी विस्थापित अपने-अपने स्थानों पर लौट आएंगे।"

मालूम हो कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पहली बार झड़पें हुईं।

मणिपुर की कुल आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं आदिवासी नागा और कुकी आबादी सूबे की जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और वो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

Web Title: Manipur Violence: Government to give Rs 1,000 as assistance to people living in relief camps

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे