मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता न्यायालय के आदेश के बाद रिहा
By भाषा | Updated: July 19, 2021 23:10 IST2021-07-19T23:10:04+5:302021-07-19T23:10:04+5:30

मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता न्यायालय के आदेश के बाद रिहा
इंफाल, 19 जुलाई राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिए गए मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता लिचोमबाम इरेंद्रो को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद सोमवार शाम को इंफाल ईस्ट जिले के साजिवा में केन्द्रीय कारगार से रिहा कर दिया गया। एमसीजेएस के जेल अधीक्षक (एसपी) सोखोलाल तोउथांग ने यह जानकारी दी।
मणिपुर साजिवा केन्द्रीय कारागार (एमसीजेएस) के कारा अधीक्षक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राज्य के गृह विभाग ने जेल महानिदेशक को उनकी रिहाई का आदेश दिया और इसके बाद जेल अधिकारियों ने शाम पांच बजे से पहले लिचोमबाम इरेंद्रो को रिहा कर दिया।
इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के उपचार के लिए गोबर और गोमूत्र के इस्तेमाल की वकालत करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की आलोचना करने पर रासुका के तहत हिरासत में लिए गए मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता लिचोमबाम इरेंद्रो को शाम पांच बजे तक रिहा करने के निर्देश दिए थे।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि उसे एक दिन भी जेल में नहीं रखा जा सकता।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दिन में कहा था कि उनको हिरासत में रखने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
जेल से बाहर आने पर कार्यकर्ता ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की कार्रवाई नागरिकों का मुंह बंद करने के लिए सत्ता के दुरुपयोग के समान है।
उन्होंने कहा,‘‘वे शायद इस बात से अनजान हैं कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत के संविधान में निहित एक मौलिक अधिकार है। राज्य के चुनावों में मणिपुर की जनता उन्हें करारा जवाब देगी।’’
याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत राजनीतिक कार्यकर्ता को हिरासत में रखने को चुनौती दी गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ऐसा केवल कोविड-19 के इलाज के रूप में गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की वकालत करने वाले भाजपा नेताओं की आलोचना करने के कारण ‘‘उनको सजा देने के लिए’’ किया गया।
याचिका में दावा किया गया था कि इरेंद्रो ने 13 मई को ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा था कि कोविड-19 का इलाज गोबर तथा गोमूत्र नहीं है।
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