मणिपुर की शर्मनाक घटना, भीड़ ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया, गैंगरेप का आरोप...वीडियो सामने आने के बाद तनाव
By विनीत कुमार | Published: July 20, 2023 08:49 AM2023-07-20T08:49:17+5:302023-07-20T08:54:23+5:30
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।
इंफाल: मणिपुर में जातिगत हिंसा और तनाव के बीच पुरुषों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को सड़क पर नग्न घुमाने का दिल दहलाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक आदिवासी संगठन ने आरोप लगाया है कि दोनों महिलाओं के साथ एक खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के एक बयान के अनुसार, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई थी। हालाँकि, पुलिस ने कहा कि घटना दूसरे जिले में हुई, हालाँकि पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) कांगपोकपी में दर्ज की गई थी।
दूसरी ओर वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पुलिस को इस मामले की प्राथमिकता से जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा कि महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस भयावह घटना पर उनसे और मुख्य सचिव से बात की। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में फिर तनाव!
दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।
आईटीएलएफ के आज प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं और उनसे मन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आईटीएलएफ प्रवक्ता ने "घृणित कृत्य" की निंदा करते हुए एक बयान में मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अपराध का संज्ञान लें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
कुकी-ज़ो आदिवासी गुरुवार को चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मुद्दे को भी उठाने की योजना बना रहे हैं। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।