मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कुकी बहुल क्षेत्र में अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग खारिज की
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 15, 2023 16:35 IST2023-05-15T16:32:48+5:302023-05-15T16:35:16+5:30
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को पनी ही पार्टी के 7 विधायकों सहित 10 विधायकों की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें कुकी बहुल जिलों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की गई थी।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
नई दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को पनी ही पार्टी के 7 विधायकों सहित 10 विधायकों की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें कुकी बहुल जिलों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की गई थी। एन बीरेन सिंह ने कहा कि एक ही राज्य में दो प्रशासनिक व्यवस्था नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करने के लिए रविवार, 14 मई को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं कि उग्रवादी,जिन्होंने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे वो अपने शिविरों में लौट जाएं।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लोगों से धरना या रैलियां नहीं करने की भी अपील की। इस महीने की शुरुआत से ही बहुसंख्यक मेइती और कुकी जाति के बीच जातीय दंगों के बाद से राज्य संवेदनशील दौर से गुजर रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दंगों के मद्देनजर राज्य में राजमार्गों पर कुछ समूहों द्वारा लगाए गए अवरोधों को तोड़ने के लिए कोई बल का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसके बजाय इन प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने का प्रयास किया जाएगा। एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बात कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी।"
मणिपुर हिंसा की सबसे बड़ी वजह रही मैतेई को ST वर्ग शामिल करने की मांग। मणिपुर में 16 जिले हैं और यहां पर 53 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। मणिपुर में 42 प्रतिशत कुकी, नागा के अलावा दूसरी जनजाति रहती है। मैतेई समुदाय के लोगों का कहना है कि 1970 के बाद पर यहां कितने रिफ्यूजी आए हैं। इसकी गणना की जाए और यहां पर एनआरसी लागू किया जाए। मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी हिस्से में जमीन नहीं खरीद सकते लेकिन कुकी समुदाय के लोग घाटी के इलाके जहां मैतेई रहते हैं वहां जमीन खरीद सकते हैं। टकराव की एक सबसे बड़ी वजह ये भी है।
मणिपुर के कुल 60 विधायकों में 40 विधायक मैतई समुदाय से हैं। बाकी 20 नगा और कुकी जनजाति से आते हैं। मैतई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका भी डाली हुई है। कुकी पहले से ही मान्यता प्राप्त जनजाति है।