Manimahesh Yatra 2025: 16 श्रद्धालुओं की मौत, हजारों को किया गया रेस्क्यू, हिमाचल में कुदरत के कहर के बावजूद मणिमहेश यात्रा पर संपन्न
By अंजली चौहान | Updated: September 1, 2025 12:21 IST2025-09-01T12:18:30+5:302025-09-01T12:21:28+5:30
Manimahesh Yatra 2025: चंबा के उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि चंबा की मणिमहेश यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण कुल 16 श्रद्धालुओं की जान चली गई है। यह यात्रा कल कठिन मौसम के बीच संपन्न हुई। 16 में से सात की मौत मणिमहेश कैलाश परिक्रमा के दौरान हुई, जबकि नौ अन्य ने तीर्थयात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर अपनी जान गंवाई।

Manimahesh Yatra 2025: 16 श्रद्धालुओं की मौत, हजारों को किया गया रेस्क्यू, हिमाचल में कुदरत के कहर के बावजूद मणिमहेश यात्रा पर संपन्न
Manimahesh Yatra 2025: हिमाचल प्रदेश के चंबा में मणिमहेश यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण कुल 16 श्रद्धालुओं की जान चली गई है। यात्रा कल कठिन मौसम की स्थिति में संपन्न हुई। 16 में से सात की मौत मणिमहेश कैलाश परिक्रमा के दौरान हुई, जबकि नौ अन्य ने तीर्थयात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर अपनी जान गंवाई। राधा अष्टमी पर मणिमहेश डल झील में पारंपरिक शाही स्नान इस बार नहीं हो सका और डल झील के बजाय 84 मंदिर परिसरों में किया गया।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सचुई से गौरीकुंड ले जाने के लिए हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था की थी, लेकिन खराब मौसम के कारण उड़ानें संभव नहीं हो सकीं। खराब मौसम और भूस्खलन के कारण प्रशासन ने समय से पहले मणिमहेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे लगभग 15,000 तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंस गए थे।
भूस्खलन से सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जिससे बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया था। 10,000 से अधिक श्रद्धालु पैदल ही कलसुई पहुँचने में कामयाब रहे, जहाँ से उन्हें परिवहन निगम की बसों और स्थानीय लोगों द्वारा व्यवस्थित निजी वाहनों द्वारा चंबा, पठानकोट और जम्मू पहुँचाया गया।
🚨 Manimahesh Yatra Update | 31.08.2025 🚨
— Himachal Pradesh Police (@himachalpolice) August 31, 2025
👣 8,000–9,000 श्रद्धालु वर्तमान में भर्मौर से चंबा पैदल रास्ते में हैं।
🛣️ NH-154A, चंबा-किहार रोड सुचारू, चंबा-टिस्सा रोड केवल LMVs के लिए खुला।
🚍 2000 मोटरसाइकिलें, 250 LMVs और 60–70 बस/ट्रक भर्मौर क्षेत्र में फँसे हुए। pic.twitter.com/IwEPGaoRdv
31 अगस्त की शाम तक, गौरीकुंड के पास हर्षिल ट्रैक पर लगभग 50 श्रद्धालु अभी भी फंसे हुए थे। राहत दल, पुलिस, चिकित्सा कर्मचारी और लंगर समितियाँ उनके साथ थीं और आज शाम तक उनके सुरक्षित भरमौर पहुँचने की उम्मीद है। वहीं, लगभग 4,000 श्रद्धालु अभी भी भरमौर में हैं, जो अपनी सुविधानुसार पैदल चंबा के लिए रवाना हो रहे हैं।
कुछ श्रद्धालुओं द्वारा और अधिक हताहत होने की आशंका व्यक्त करने के बाद, उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल और पुलिस अधीक्षक चंबा ने व्यक्तिगत रूप से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, पैदल मार्गों का निरीक्षण किया और बचाव कार्य की देखरेख की। रेप्सवाल ने श्रद्धालुओं और जनता से सोशल मीडिया या कुछ चैनलों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि केवल सरकारी आंकड़ों पर ही भरोसा करें, क्योंकि किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी से बचना बेहद ज़रूरी है। रेप्सवा ने कहा, "हमारी टीमें हर प्रभावित क्षेत्र में पहुँच चुकी हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहायता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृपया अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी पर ही विश्वास करें।"
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि इस बार प्राकृतिक आपदाओं के कारण मणिमहेश यात्रा काफी कठिन रही, लेकिन प्रशासन, राहतकर्मियों और स्थानीय लोगों की सतर्कता और सेवा भावना ने हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। परंपराएँ भले ही अधूरी रह गईं, लेकिन मानवता और सेवा की भावना ने इस यात्रा को सार्थक बना दिया।"