Mamta Kulkarni News: महामंडलेश्वर बनाने पर महाकुंभ में विवाद?, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया, किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का पद छीना
By राजेंद्र कुमार | Updated: January 31, 2025 19:03 IST2025-01-31T19:02:37+5:302025-01-31T19:03:25+5:30
Mamta Kulkarni News: तमाम धर्माचार्यो का कहना है कि महाकुंभ के दौरान ऐसे अखाड़ों को विवादों में डालने वाले फैसले लेने से बचा जाए.

file photo
Mamta Kulkarni News: प्रयागराज में हो रहा भव्य, दिव्य और एकता का महाकुंभ अब विवादों का महाकुंभ भी बनने लगा है. यहां किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास द्वारा फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाने के लिए गए फैसले के उत्पन्न विवाद को लेकर यह कहा जा रहा है. इस मामले में किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के संस्थापक के फैसले पर आपत्ति जताई तो लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से हटाते हुये उन्हे अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया. किन्नर अखाड़े के संस्थापक के इस फैसले को लेकर धर्माचार्यो के बीच भी चर्चा हो रहा है. तमाम धर्माचार्यो का कहना है कि महाकुंभ के दौरान ऐसे अखाड़ों को विवादों में डालने वाले फैसले लेने से बचा जाए.
इसलिए महामंडलेश्वर पद से हटाया : अजय दास
धर्माचार्यो की ऐसी चर्चाओं के बीच किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने अपने फैसले के बाबत यह कहा कि फिल्मी दुनिया से जुड़ी ममता कुलकर्णी जो देशद्रोह के मामले में आरोपी रही हैं को बिना किसी धार्मिक अनुष्ठान के अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधा महामंडलेश्वर की उपाधि देकर पट्टा अभिषेक कर दिया गया.
जिस कारण मुझे बेमन से उन्हें इस पद से मुक्त करने का फैसला लेना पड़ा है. अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने गत 24 जनवरी को महाकुंभ में संगम पर अपना पिंडदान किया. फिर किन्नर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक हुआ. इसी के बाद उन्हे महामंडलेश्वर बनाए जाने पर बाबा रामदेव और धीरेन्द्र शास्त्री सहित तमाम धर्माचार्यों पर आपत्ति जताई.
बाबा रामदेव ने यह कहा कि महामंडलेश्वर जैसे प्रतिष्ठित पद के लिए सालों के आध्यात्मिक अनुशासन और समर्पण की जरूरत होती है. फिर कैसे ममता को एक ही दिन में महामंडलेश्वर चुन लिया गया. कुछ इसी तरह ही बात बागेशवर पीठ के धीरेन्द्र शास्त्री ने भी कही. उनका कहा था कि किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी संत या महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है?
हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं. और ममता कुलकर्णी को कुछ घंटे में ही महामंडलेश्वर बना दिया गया. बताया जा रहा है कि धर्माचार्यो की ऐसी आपत्ति का संज्ञान लेते हुए ही किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने ममता कुलकर्णी और अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनके पदों से हटाते हुए दोनों को अखाड़े से निष्कासित करने का फैसला ले लिए.
अखाड़े के संस्थापक के फैसले का विरोध
किन्नर अखाड़े से निष्कासित किए गए आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास के फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि मेरा पद किसी एक व्यक्ति की नियुक्ति या सहमति पर आधारित नहीं है. दस वर्ष पूर्व उज्जैन कुंभ में 22 प्रदेशों से किन्नरों को बुलाकर अखाड़ा बनाया था तब मुझे आचार्य महामंडलेश्वर चुना गया.
आज मुझे जिन ऋषि अजय दास ने अखाड़े से निष्कासित किया है, उन्हे भी इस उनके कर्मों की वजह से बर्खास्त किया गया था. अब ऋषि अजय दास से हमारे वकील बात करेंगे। उन पर कानूनी कार्रवाई भी करेंगे. लक्ष्मी नारायण का यहा भी कहना है कि ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाकर उन्होंने देश हित के विपरीत कार्य नहीं किया है. अखाड़े के सिद्धांतों के आधार पर ही उन्हे उपाधियाँ दीं है.
