राहुल गांधी के मणिपुर दौरे को लेकर भाजपा के हमले पर बोले खड़गे- वो हमेशा ईर्ष्या से बात करते हैं
By मनाली रस्तोगी | Updated: June 30, 2023 17:31 IST2023-06-30T17:30:32+5:302023-06-30T17:31:57+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा और विपक्ष की बैठक पर उनकी टिप्पणियों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला।

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे को लेकर भाजपा के हमले पर बोले खड़गे- वो हमेशा ईर्ष्या से बात करते हैं
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा और विपक्ष की बैठक पर उनकी टिप्पणियों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने ईर्ष्या के कारण ऐसा कहा है।
पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा, "वे (बीजेपी) हमेशा ईर्ष्या से बात करते हैं। यदि कोई कांग्रेस नेता वहां (मणिपुर) जाकर लोगों की कठिनाइयों को समझने की कोशिश करता है, तो वे इसे नाटक कहते हैं। वे पटना में विपक्ष की बैठक को फोटो सेशन कहते हैं। वे लोकतांत्रिक नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता वाले हैं। मैं ऐसी मानसिकता की निंदा करता हूं।"
#WATCH | Congress national president Mallikarjun Kharge says, "They (BJP) always speak with jealousy. If a Congress leader goes there (Manipur) to try and understand the difficulties of the people, they call it a drama. They call the Opposition meeting in Patna, a photo session.… pic.twitter.com/VeEX3FCmb9
— ANI (@ANI) June 30, 2023
उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी को क्यों रोका गया? उन्हें सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए थी। जब अमित शाह वहां जा सकते हैं, उनके लोग वहां जा सकते हैं, तो एक विपक्षी नेता ऐसा क्यों नहीं कर सकता? अगर वह (राहुल गांधी) गए तो यह नाटक था, जब आप गए तो यह कौन सा महा नाटक था?" खड़गे ने आगे सवाल किया कि गांधी को कोई सुरक्षा क्यों नहीं दी गई।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, "जो आदमी 4,000 किलोमीटर से अधिक पैदल चला, क्या आप उसे प्रभावित स्थानों पर जाने के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते? आपके पास सुरक्षा है। उन्हें पुलिस, सेना, सीआरएफ, सीमा बल की सुरक्षा क्यों नहीं दी जा सकी। कुछ तो व्यवस्था करनी चाहिए थी। उन्हें चार दिन पहले उसकी यात्रा के बारे में पता चला।"
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है।