मालेगांव विस्फोट : पुरोहित ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह सेना के ‘गुमनाम हीरो’ हैं
By भाषा | Updated: July 19, 2021 19:20 IST2021-07-19T19:20:43+5:302021-07-19T19:20:43+5:30

मालेगांव विस्फोट : पुरोहित ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह सेना के ‘गुमनाम हीरो’ हैं
मुंबई, 19 जुलाई 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित ने बंबई उच्च न्यायालय से सोमवार को कहा कि वह भारतीय सेना के ‘‘गुमनाम’’ नायक हैं जिन्होंने जमानत पर रिहा किए जाने से पहले विचाराधीन कैदी के तौर पर करीब नौ वर्ष जेल में काफी यातनाएं सही हैं।
पुरोहित की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीकांत शिवाडे ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ से आग्रह किया कि महानगर की विशेष एनआईए अदालत को निर्देश दे कि यथाशीघ्र अभियोजन की मंजूरी देने के मामले में उनकी शिकायत पर निर्णय करे।
पुरोहत ने उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर कर अपने खिलाफ सभी आरोप खत्म करने का अनुरोध किया है। पुरोहित ने यह दावा किया है कि उन्होंने सेना के अधिकारी के तौर पर अपने कर्तव्य के रूप में कथित षड्यंत्र रचे थे, इसलिए जांच एजेंसी एनआईए को उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए केंद्र सरकार से पूर्व अनुमति हासिल करनी चाहिए थी।
शिवाडे ने पुरोहित की तरफ से अदालत से कहा, ‘‘मैंने जेल में नौ वर्ष बिताए हैं और काफी यातनाएं सही हैं। मुझे सेवा में बहाल किया गया क्योंकि मेरा रिकॉर्ड अच्छा था। मैं भारतीय सेना का गुमनाम नायक हूं। निचली अदालत को मुकदमा चलाने की पूर्व अनुमति के मुद्दे पर पहे निर्णय लेना चाहिए। ’’
एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने शिवाडे के हलफनामे का विरोध किया और कहा कि मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं और सुनवाई शुरू हो गई है।
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