जो जैसा बोता है तो वैसा ही काटता है, समय का पहिया घूमा, 41 साल पहले शरद पवार ने किया था विश्वासघातः पाटिल

By भाषा | Updated: November 25, 2019 15:14 IST2019-11-25T14:11:04+5:302019-11-25T15:14:07+5:30

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल की पत्नी शालिनी पाटिल ने कहा, ‘‘शरद पवार ने जिस तरह का व्यवहार वंसतराव के साथ किया था। उसी तरह का अनुभव उन्हें परिवार से तब मिला जब अजित पवार ने भाजपा से गठबंधन कर लिया।’’

Maharashtra What he sows, he reaps, the wheel of time turned, 41 years ago, Sharad Pawar committed betrayal: Patil | जो जैसा बोता है तो वैसा ही काटता है, समय का पहिया घूमा, 41 साल पहले शरद पवार ने किया था विश्वासघातः पाटिल

उन्होंने पवार द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के लिए 1978 में उठाए गए कदम को ‘‘ विश्वासघात और पीठ में छुरा घोंपने’’ जैसा करार दिया।

Highlightsसमय का पहिया घूमा है और 41 साल पहले शरद पवार ने जो किया था अजित पवार का कदम उसका ‘सबक’ है।पवार ने जिस तरह का व्यवहार वसंतराव के साथ किया था। उसी तरह का अनुभव उन्हें परिवार से तब मिला जब अजित पवार ने भाजपा से गठबंधन कर लिया।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल की पत्नी शालिनी पाटिल ने कहा कि समय का पहिया घूमा है और 41 साल पहले शरद पवार ने जो किया था अजित पवार का कदम उसका ‘सबक’ है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को शरद पवार के भतीजे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार पार्टी के कुछ विधायकों के साथ राजभवन गए और नाटकीय तरीके से उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उसके बाद शरद पवार को अपना कुनबा बचाने के लिए विधायकों को एक होटल में रखना पड़ा।

शालिनी ने कहा, ‘‘शरद पवार ने जिस तरह का व्यवहार वसंतराव के साथ किया था। उसी तरह का अनुभव उन्हें परिवार से तब मिला जब अजित पवार ने भाजपा से गठबंधन कर लिया।’’ उन्होंने पवार द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के लिए 1978 में उठाए गए कदम को ‘‘ विश्वासघात और पीठ में छुरा घोंपने’’ जैसा करार दिया। शालिनी ने कहा कि पवार को वसंतदादा से सीधे बात करनी चाहिए थी बजाय गुपचुप तरीके से विधायकों को तोड़ने के।

वर्ष 2006 में शालिनी को सामाजिक न्याय के मुद्दे पर पार्टी विरोधी रुख अपनाने के आरोप में राकांपा से निष्कासित कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि फरवरी 1978 में कांग्रेस (एस) को 69 सीटें और कांग्रेस (आई) को 65 सीटों पर जीत मिली थी। जनता पार्टी के खाते में 99 सीटें आई थीं और किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था।

उस समय कांग्रेस के दोनों धड़े सरकार बनाने के लिए एकजुट हुए और कांग्रेस (एस) के वसंतदादा पाटिल मुख्यमंत्री और कांग्रेस (आई) के नाशिकराव तिरपुड़े उप मुख्यमंत्री बने। नई सरकार में रोज-रोज के कलह के बीच पवार नई सरकार बनाने के लिए 38 विधायकों के साथ अलग हो गए और ‘समानांतर कांग्रेस’ बनाई एवं 38 साल की उम्र में महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। हालांकि,यह सरकार दो साल से भी कम समय के लिए रही।

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