मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के एक दिन बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सरकार गठन को लेकर एक शुरुआती समझौते पर पहुंच गई हैं, जिसमें कांग्रेस की भूमिका चौंकाने वाली हो सकती है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना और एनसीपी के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व शुरू में शिवसेना को समर्थन देने के प्रति अनिच्छुक था, और बाद में जिसके लिए माना जा रहा था कि वह सरकार को बाहर से समर्थन दे सकता है, अब बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए अब पार्टी सरकार में शामिल हो सकती है।
एनसीपी-शिवसेना के बीच होगा ढाई-ढाई साल सीएम पद का समझौता?
इस रिपोर्ट के मुताबिक, रोटेशनल सीएम पद के जिस विचार ने बीजेपी और शिवसेना की राहें जुदा कर दीं, उसी को शरद पवार की पार्टी एनसीपी का समर्थन मिला है, जो शिवसेना से महज दो सीटें पीछे है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना और एनसीपी मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिए साझा करेंगे-इसमें सरकार के पांच साल के कार्यकाल का पहला हिस्सा शिसवेना को मिलेगा और इसके बाद एनसीपी की बारी आएगी।
वहीं इस गठबंधन की सबसे जूनियर पार्टनर (सीटों के लिहाज से) कांग्रेस ने पांच सालों के लिए उपमुख्यमंत्री पद की मांग की है। साथ ही उसे विधानसभा स्पीकर का पद भी मिल सकता है।
जहां तक इस सरकार में मंत्रियों के पद की बात है तो इसका तीनों पार्टियो के बीच बराबर का बंटवारा होगा। हालांकि अभी इस बारे को लेकर स्पष्टता नहीं है कि गृह और वित्त मंत्रालय जैसे महत्पवूर्ण विभाग को किसको मिलेंगे।
कांग्रेस, एनसीपी ने रखी उद्धव के सामने राम मंदिर मुद्दे से दूरी बनाने की शर्त!
साथ ही बेमेल वैचारिक विचारधारा वाली कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के साथ आने के लिए एक और महत्वपूर्ण शर्त रखी है। इसके मुताबिक, अगर उद्धव ठाकरे शिवसेना के मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वह अयोध्या मामले में कुछ नहीं बोलेंगे।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के सबसे मुखर समर्थकों में शामिल रहे उद्धव ठाकरे ने इस मांग पर सहमति जता दी है। उद्धव ने कहा, 'अब राजनीति एक अलग दिशा में बढ़ रही है। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक समय दीजिए। हम अपनी अलग विचारधाराओं के बावजूद साथ काम करने का रास्ता तलाश लेंगी।'
मंगलवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के साथ बैठक करने वाले उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा, 'सबकुछ सही चल रहा है। बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही हऔर इस पर फैसले का ऐलान सही समय पर किया जाएगा।'
हालांकि शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इस बात से इनकार किया है कि पार्टी किसी समझौते पर पहुंच चुकी है।
राउत ने ट्विटर पर लिखा है, 'अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अहमद पटेल के साथ बैठक के बाद हम एक समझौते पर पहुंच चुके हैं, उद्धव ठाकरे की ओर से मैं स्पष्ट करता हूं कि ये झूठ है और जानबूझकर फैलाया जा रहा है, हमारी कांग्रेस और एनसीपी के साथ बातचीत जारी है।'
ऑन रिकॉर्ड, ये तीनों ही पार्टियां सत्ता साझेदारी से पहले एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने पर जोर दे रही हैं।