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बागी अजित पवार को मनाने में सफल हुए शरद पवार, ऐसे पलट दिया सारा 'खेल'

By स्वाति सिंह | Updated: November 26, 2019 18:04 IST

महाराष्ट्र के पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम पारिवारिक दबाव माना जा रहा है। बता दें कि शनिवार (23 नवंबर) अजित पवार ने सुबह शपथ ली। शपथ लेने के बाद से ही पवार परिवार के लोग लगातर अजित से बातचीत करने लगे।

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ठळक मुद्देअजित पवार ने मंगलवार को यू-टर्न मारते हुए उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया।देवेंद्र फड़नवीस ने भी राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपा है।

महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस की सरकार बनाने में समर्थन देने वाले एनसीपी नेता अजित पवार ने मंगलवार को यू-टर्न मारते हुए उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद देवेंद्र फड़नवीस ने भी राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपा है। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अजित पवार को वापस अपने खेमे में बुलाकर चाणक्य की भूमिका निभाई है। 

महाराष्ट्र के पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम पारिवारिक दबाव माना जा रहा है। बता दें कि शनिवार (23 नवंबर) अजित पवार ने सुबह शपथ ली। शपथ लेने के बाद से ही पवार परिवार के लोग लगातर अजित से बातचीत करने लगे। इसके लिए उनके भाई श्रीकृष्ण पवार भी सामने आए और उन्हें परिवार में बिखराव से बचने और पार्टी में बने रहने के लिए मनाया। साथ ही शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के पति सदानंद भालचंद्र सुले ने भी अजित से संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने मुंबई के होटल में अजित से मुलाकात की।

इसके बाद मंगलवार को खुद शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने अजित से मुलाकात की और बातचीत कर अजित को पार्टी और परिवार का साथ देने के लिए मनाया गया। खबरों की मानें तो अजित को मनाने में शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार का बड़ा हाथ है। ऐसा कहा जा रहा है कि परिवार के दबाव के चलते ही सोमवार को फडनवीस की बैठक में डिप्टी सीएम की कुर्सी खाली थी। वही, एनसीपी नेता कई बार ख चुके थे कि अगर अजित वापस आ आजाए तो शरद पवार उन्हें माफ करने को तैयार हैं लेकिन उन्हें पहले इस्तीफा देना होगा।

पारिवारिक दवाब के साथ साथ अजित को मानाने के लिए शरद पवार की सियासी सूझबूझ भी बहुत काम आई। पार्टी ने अजित को सिर्फ विधायक दल के नेता पद से हटाया लेकिन उन्हें पार्टी से निष्कर्षित नहीं किया। माना जा रहा है कि ऐसा करके शरद ने अजित के लिए पार्टी के दरवाजे खुले रखे। इसके साथ ही वह बार बार ये कहते दिखे कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है और अजित अगर मन बदलते हैं तो उन्हें माफ किया जा सकता है। इसके अलावा सीनियर पवार किसी भी तरह की कोई कड़वाहट नहीं दिखाई और ना ही अजित के खिलाफ कोई कमेंट किया।

अजीत पवार की वापसी के लिए सीनियर पवार ने पार्टी के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी। लगातार जयंत पाटिल अजित से बातचीत करते रहे।इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल को भी अजित को मानाने के लिए बार-बार भेजा गया।

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