Maharashtra Political Crisis Updates: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के कुछ विधायकों से संपर्क न हो पाने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी का इस राजनीतिक घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।
हालांकि, पाटिल ने कहा कि यदि महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे से भाजपा को राज्य में सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो वह ‘यकीनन उस पर विचार करेंगे।’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को करारा झटका लगने के एक दिन बाद पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को कहा था कि शिंदे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
हालांकि, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बाद में बताया था कि शिंदे मुंबई में नहीं हैं, लेकिन उनसे संपर्क हो गया है। शिंदे सहित शिवसेना के कुछ विधायकों के सूरत के एक होटल में होने की खबर है, लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। राउत ने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने की भाजपा की कोशिशें सफल नहीं होंगी।
एमवीए में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) और कांग्रेस शामिल हैं। पाटिल से इस संबंध में संपर्क करने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह शिवसेना का आंतरिक मामला है। हमें नहीं पता कि शिंदे अपने सहयोगियों के साथ सूरत में क्यों हैं। हमारा उनके इस कदम से कोई लेना-देना नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा को शिंदे से सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो यकीनन हम उस पर गंभीरता से विचार करेंगे। आखिरकार, हमने पहले भी साथ काम किया है, इसलिए उनके साथ काम करना और सरकार चलाना काफी आसान होगा।’’ पाटिल ने यह भी दावा किया कि शिवसेना और भाजपा के बीच संबंध बिगड़ने के लिए पूरी तरह से राउत जिम्मेदार हैं।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘वह (राउत) राज्य को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं... और वह किसी और के लिए ऐसा कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने अपने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया था।
शिवसेना ने तब राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया था। इस पूरे प्रकरण के बीच महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शिंदे का समर्थन किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बहुत बढ़िया एकनाथ जी। आपने उचित समय पर उचित फैसला लिया है। नहीं तो आपका भी आनंद दीघे जैसा हश्र हो सकता था।’’ महाराष्ट्र के ठाणे जिले से नाता रखने वाले दीघे शिवसेना के प्रमुख नेताओं में से एक थे। 2001 में उनका निधन हो गया था।