मुंबईः महाराष्ट्र राज्य में कोविड-19 का संक्र मण थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही राज्य में सख्त लॉकडाउन लगाए जाने की जरूरत का जिक्र कर चुके हैं.
ऐसे में संभावना है कि गुढ़ीपाडवा (मंगलवार) के बाद राज्य में सख्त लॉकडाउन लगा दिया जाए. फैसला सोमवार सुबह की बैठक में हो सकता है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज रविवार को कोरोना से निपटने के लिए बनाए गए टास्क फोर्स के साथ विशेष बैठक की. इसमें टास्क फोर्स ने राज्य में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 8 से 15 दिनों के सख्त लॉकडाउन की वकालत की.
हालांकि मुख्यमंत्री स्वयं 8 दिनों के लॉकडाउन के पक्ष में हैं. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तकरीब दो घंटे चली बैठक में प्रदेश में पूरी तरह से लॉकडाउन लगाए जाने और कठोर नियम को लेकर चर्चा की गई. बैठक की शुरुआत में टास्क फोर्स ने 14 दिन के लॉकडाउन पर अपनी भूमिका रखी.
बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास, डॉ. तात्याराव लहाने, डॉ. संजय ओक, डॉ. अविनाश सुपे, डॉ. शशांक जोशी, डॉ. राहुल पंडित, डॉ. वसंत नागवेकर, डॉ. जमीर उदवाडिया, डॉ. जहीर वीरानी, डॉ. ओम श्रीवास्तव तथा चिकित्सा शिक्षा सचिव सौरभ विजय मौजूद थे. आज अहम बैठक में होगा फैसला कल सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री ठाकरे टास्क फोर्स तथा उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ अहम बैठक करेंगे. जिसमें यह तय किया जाएगा कि लॉकडाउन कब से और कितने दिनों का लगाया जाना है.
यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी. बिना लॉकडाउन मुश्किल होगा राज्य में कोरोना से मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लॉकडाउन अत्यंत आवश्यक हो गया है. अत: यह लॉकडाउन काफी कठोर होगा. टास्क फोर्स की बैठक में 3 सदस्यों ने 8 दिन के लॉकडाउन की वकालत की तो अन्य तीन सदस्यों ने 14 दिन के लॉकडाउन लगाने की बात कही.
विशेषज्ञों का मानना है कि बिना लॉकडाउन के संक्र मण की चेन तोड़ना नामुमकिन हो गया है. चुनाव वाले राज्यों में क्यों नहीं बढ़ रहा संक्रमण महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने कहा कि हमने कोविड-19 टास्क फोर्स से यह अध्ययन करने के लिए कहा है कि केवल महाराष्ट्र में मामले क्यों बढ़ रहे हैं और उन राज्यों में नहीं जहां चुनाव हो रहे हैं. कई मंत्री वहां बड़े पैमाने पर सभाएं कर रहे हैं, जन सभाओं और रोड शो में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ रही है.
बावजूद इसके उन राज्यों में संक्रमण के मामलों में कोई उछाल नहीं है. लॉकडाउन से पहले जनता को दें 3 दिन शिवसेना नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख आग्रह किया है कि सख्त लॉकडाउन लगाए जाने से पूर्व आम जनता को तीन दिन का समय दिया जाना चाहिए, ताकि वे अपने जरूरत का सामान एकत्रित कर सकें. शिवसेना नेता नीलम गोर्हे ने कहा कि अचानक लॉकङाउन के ऐलान से अव्यवस्था फैल सकती है लेकिन लोगों को समय दिए जाने से बाजारों में भीड़ नहीं उमड़ेगी और लॉकडाउन का उद्देश्य सफल हो सकेगा.