Kunal Kamra: विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन का नोटिस?, कॉमेडियन कुणाल कामरा पर एक्शन तेज
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 26, 2025 16:32 IST2025-03-26T16:31:23+5:302025-03-26T16:32:28+5:30
Kunal Kamra: महाराष्ट्र विधान परिषद में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और शिवसेना(उबाठा) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे के खिलाफ बुधवार को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया।

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मुंबईः स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए एक नया वीडियो जारी किया है और मंत्री को 'साड़ी वाली दीदी' कहा है। यह वीडियो महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर मज़ाक को लेकर चल रहे विवाद के बीच आया है, जिसके कारण काफी बवाल हुआ है। नए वीडियो में कामरा ने टैक्स के बारे में बात करते हुए कहा है कि कॉरपोरेट कर्मचारी खुद कॉरपोरेट से ज़्यादा टैक्स दे रहे हैं, जिसे सरकार "देशहित" के लिए कहती है।
महाराष्ट्र : स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन का नोटिस
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रवीण दारेकर ने महाराष्ट्र विधान परिषद में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और शिवसेना(उबाठा) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे के खिलाफ बुधवार को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। विधान परिषद के नेता दारकेकर ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, ‘‘कुणाल कामरा ने एक पैरोडी गाना गाया, जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए व्यक्तिगत और अपमानजनक टिप्पणियां शामिल थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंधारे ने उक्त गाने का समर्थन किया और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जो सदन की अवमानना है।’’
दारेकर ने आरोप लगाया कि कामरा और अंधारे दोनों ने अपनी टिप्पणियों के जरिये विधायी संस्थाओं की गरिमा का अनादर किया है। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना विधायक रमेश बोरनारे ने अंधारे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया।
पीठासीन अधिकारी संजय केलकर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर नोटिस पर फैसला लेंगे। इस बीच, महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष ने बुधवार को सभापति राम शिंदे के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया और कहा कि उन्हें उच्च सदन में निष्पक्ष व्यवहार का आश्वासन दिया गया है। विधानमंडल के उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष और शिवसेना (उबाठा) के विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने सभापति कार्यालय को एक पत्र सौंपकर 19 मार्च को पेश किए गए अपने प्रस्ताव को वापस ले लिया।