महाराष्ट्रः सीएम उद्धव से मिलने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा, जानें क्या है पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 5, 2021 03:01 PM2021-04-05T15:01:12+5:302021-04-05T16:34:36+5:30
पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार सुबह ही निर्देश दिया था कि इन आरोपों की जांच सीबीआई करे।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया। अनिल देशमुख पर कई आरोप लगे हैं।
राकांपा नेता और मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दिया है। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगाया था, जिससे गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा है। जयश्री पाटिल द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर मामले की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था।
Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh submits resignation to Chief Minister Uddhav Thackeray: NCP sources
— ANI (@ANI) April 5, 2021
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देशमुख ने ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। राकांपा ने इस बारे में बताया। इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों पर सीबीआई को 15 दिनों के अंदर एक आरंभिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ मंत्री नवाब मलिक ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘देशमुख ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को बताया है कि पद पर बने रहना ठीक नहीं होगा क्योंकि सीबीआई उनके खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है।’’ मलिक ने कहा कि देशमुख ने ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह खुश हैं कि देशमुख ने इस्तीफा दे दिया। साथ ही कहा कि सीबीआई जांच में चौंकाने वाले कई सारे खुलासे होंगे।
गौरतलब है कि 25 मार्च को सिंह ने देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल की थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 5, 2021
अदालत ने सीबीआई से अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह के आरोपों की जांच करने को कहा
बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी की जाये। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंड पीठ ने कहा कि यह “असाधारण’’ और “अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
अदालत ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार ने मामले में पहले ही उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने के आदेश दे दिए हैं इसलिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है। पीठ ने कहा कि सीबीआई को प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करनी होगी और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला लेना होगा।
पीठ ने अपना फैसला कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) और रिट याचिकाओं पर दिया जिनमें मामले की सीबीआई जांच और अलग-अलग कदम उठाने का अनुरोध किया गया था। इनमें से एक याचिका खुद सिंह ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका शहर की वकील जयश्री पाटिल और घनश्याम उपाध्याय और तीसरी स्थानीय शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी।
मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया है। सिंह के वकील विक्रम नानकनी ने तर्क दिया कि समूचा पुलिस बल हतोत्साहित था और नेताओं के हस्तक्षेप के कारण दबाव में काम कर रहा था। अदालत ने इस पर पूछा कि सिंह को अगर देशमुख के कथित कदाचार की जानकारी थी तो उन्होंने मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराई।