नागपुरः महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को राज्य में कुत्तों के काटने के मामलों में तेज वृद्धि की बात स्वीकार करते हुए बताया कि पिछले छह साल में कुत्तों के काटने के 30 लाख से ज़्यादा मामले सामने आए और साल 2021 से 2023 के बीच रेबीज से 30 लोगों की मौत हुई है। राज्य में इन वर्षों के दौरान औसतन प्रतिदिन लगभग 1,369 मामले सामने आए हैं जो कि बेहद चिंताजनक है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में तेज बढ़ोतरी की बात स्वीकार करते हुए बुधवार को विधानसभा में बताया कि साल 2021 से 2023 के बीच रेबीज से 30 लोगों की मौत हुई है।
शिंदे ने मुंबई, पुणे, नागपुर और कल्याण-डोंबिवली जैसे बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की संख्या अनियंत्रित तरीके से बढ़ने को लेकर व्याप्त चिंता के बीच शिवसेना (उबाठा) के विधायक सुनील प्रभु के प्रश्न पर यह जवाब दिया। शहरी विकास विभाग ने 14 नवंबर को सभी नगर निकायों को ये निर्देश जारी किए थे, जबकि ग्रामीण स्थानीय निकायों को इसी तरह के निर्देश 27 नवंबर को दिए गए।
शिंदे ने कहा कि पशु प्रजनन नियंत्रण नियम, 2023 राज्य भर में लागू किया जा रहा है, जिसके लिए इस वर्ष मार्च में सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए थे। रेबीज से हुई मौतों के पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने और आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल इस पर विचार नहीं किया जा रहा है।