महाराष्ट्र में दिनभर चला सियासी खेल, पहले शिवसेना फिर NCP, पढ़ें पूरे दिन का घटनाक्रम
By भाषा | Published: November 12, 2019 12:57 AM2019-11-12T00:57:44+5:302019-11-12T00:57:44+5:30
महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए गतिरोध 18 वें दिन भी जारी रहा और राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ रहे हैं। सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनसे सरकार बनाने के लिये कांग्रेस का समर्थन मांगा।
शिवसेना ने सोमवार को दावा किया महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी। राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया।
सरकार गठन के लिए गतिरोध 18 वें दिन भी जारी रहा और राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ रहे हैं। कांग्रेस वैचारिक रूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के साथ समझौते का कोई फैसला जल्दबाजी में लेती प्रतीत नहीं हुई और उसने शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर चुनाव पूर्व की अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ आगे और बातचीत करने का फैसला किया है।
राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए रात में साढ़े सात बजे तक का समय था। इससे पहले दिन में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से भेंट की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। राकांपा के 54 विधायक हैं और कांग्रेस के 44 विधायक हैं ।
विभिन्न घटनाक्रम के बीच उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एक होटल में पवार से मुलाकात की। कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के एक रिसॉर्ट में रखा है। उधर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने आज अपना इस्तीफा सौंप दिया ।
मुंबई में राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने का उनकी पार्टी का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों (कांग्रेस और राकांपा) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है। उन्होंने कांग्रेस और राकांपा का नाम नहीं लिया। आदित्य ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को संख्या जुटाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दोनों दलों से बातचीत शुरू कर दी है। दोनों दलों ने शिवसेना को सैद्धांतिक रूप से समर्थन व्यक्त किया है।’’ आदित्य ने कहा, ‘‘ हमने सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने की अपनी इच्छा के बारे में महाराष्ट्र के राज्यपाल को सूचित किया।
शिवसेना विधायक पहले ही लिखित में अपना समर्थन जता चुके हैं।’’ आदित्य ठाकरे ने कहा कि दोनों दल (कांग्रेस और राकांपा) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है, लेकिन राज्यपाल ने संख्याबल जुटाने के लिए उनकी पार्टी के और वक्त मांगने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है।
राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार बनाने को लेकर अपनी इच्छा प्रकट की। हालांकि, विज्ञप्ति में कहा गया कि वे समर्थन पत्र नहीं दे पाए। उन्होंने समयसीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था। इसमें कहा गया, ‘‘राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की।’’ सरकार बनाने के लिये शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सोमवार को फैसला किया कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से और बातचीत करेगी।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया, “कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवारजी से बात की है। पार्टी राकांपा से और चर्चा करेगी।” दो महत्वपूर्ण बैठकों के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेताओं ने इस बात को तरजीह दी कि राज्य में मौजूदा सियासी गतिरोध को देखते हुए राकांपा से विस्तृत चर्चा की जाए।
बयान में कहा गया, “कांग्रेस कार्य समिति की आज सुबह महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया।” सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनसे सरकार बनाने के लिये कांग्रेस का समर्थन मांगा।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, केंद्र में भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से इस्तीफा दे दिया और भाजपा पर राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी के लिए तय फार्मूले से मुकरने का आरोप लगाया। उनका इस्तीफा ऐसे वक्त हुआ जब पवार ने कहा था कि शिवसेना को सबसे पहले राजग से अपना नाता तोड़ना होगा ताकि उनकी पार्टी शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला कर सके।
सावंत ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था। इसमें कुछ चीजों पर सहमति बनी थी ।’’ उन्होंने कहा कि इसमें मुख्यमंत्री पद सहित सीटों के 50-50 के अनुपात में बंटवारे का फार्मूला तय हुआ था लेकिन भाजपा अब इससे इनकार कर रही है।
शिवसेना नेता ने कहा कि वे इस झूठ से आहत हैं और अब उनके बीच कोई विश्वास नहीं बचा। उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि अब कोई विश्वास नहीं बचा है, इसलिये मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना इस्तीफा भेज दिया है । ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना राजग से अलग हो गई है, सावंत ने कहा : जब मैंने इस्तीफा दे दिया है तो आप समझ सकते हैं कि इसका क्या अर्थ है । राकांपा ने कहा है कि वह अपने साझेदार कांग्रेस के साथ बातचीत कर तय करेगी कि शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया जाए या नहीं।