महाराष्ट्र सरकार आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा करने के लिए राजी

By भाषा | Updated: August 26, 2021 14:49 IST2021-08-26T14:49:27+5:302021-08-26T14:49:27+5:30

Maharashtra government agrees to share IPS officer Rashmi Shukla's report with CBI | महाराष्ट्र सरकार आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा करने के लिए राजी

महाराष्ट्र सरकार आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा करने के लिए राजी

महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को बृहस्पतिवार को बताया कि वह पुलिस तबादलों और तैनाती में कथित भ्रष्टाचार पर आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा करेगी। सीबीआई को राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उसकी जांच के सिलसिले में इस रिपोर्ट की जरूरत है। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रफीक दादा ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ को बताया कि ये दस्तावेज 31 अगस्त तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाएंगे।अदालत ये दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने के लिए सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। सीबीआई ने दावा किया था कि राज्य सरकार कुछ दस्तावेज सौंपने से इनकार करते हुए सहयोग नहीं कर रही है। एजेंसी को कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख के खिलाफ जांच के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता है।इससे पहले राज्य सरकार ने दावा किया था कि सीबीआई द्वारा मांगे गए दस्तावेज देशमुख के खिलाफ उसकी जांच के संबंध में प्रासंगिक नहीं हैं।पीठ ने इस महीने की शुरुआत में सरकार से पुन: विचार करने को कहा था और उसे यह बताने को कहा था कि क्या वह कुछ दस्तावेज साझा करने के लिए तैयार है।सीबीआई द्वारा मांगे दस्तावेजों में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को सौंपा शुक्ला का एक पत्र, पुलिस तबादलों और तैनातियों में कथित भ्रष्टाचार पर एक रिपोर्ट, रिपोर्ट के अनुलग्नक और पंचनामा भी शामिल हैं जो दिखाते हैं कि कैसे दस्तावेज एक विभाग से दूसरे विभाग को भेजे गए।रफीक दादा ने उच्च न्यायालय को बताया कि पंचनामा रिपोर्ट सौंपी नहीं जा सकती क्योंकि यह इस मुद्दे पर पुलिस की जांच का हिस्सा है। सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि पंचनामा केवल रिपोर्ट सौंपने के संबंध में घटनाक्रम देखने के लिए चाहिए। बहरहाल दादा ने इसका विरोध किया और कहा कि इसकी देशमुख के खिलाफ जांच में कोई प्रासंगिकता नहीं है।उच्च न्यायालय ने 31 अगस्त तक रिपोर्ट साझा करने पर सरकार के बयान पर गौर किया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए दो सितंबर की तारीख तय कर दी। उसने कहा कि ये मुद्दे पहले तो न्यायालय के सामने आने ही नहीं चाहिए। आप दोनों (राज् और सीबीआई) को इन मामलों के लिए न्यायालय आन की जरुरत नहीं है। कई अवसरों पर राज्य और सीबीआर् ने दस्तावेज और सूचनाएं, विशेषकर अंतर्राज्यीय मुद्दों और दूसरे अपराधों के बारे मे, साझा की हैं। पीठ ने कहा कि आजादी के बाद से ही महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा और विकास हमेशा ही दूसरे राज्यों से बेहतर रहा है। हमें इसे बनाकर रखना चाहिए।

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Web Title: Maharashtra government agrees to share IPS officer Rashmi Shukla's report with CBI

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